लखनऊ डेस्क/ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आगरा में निर्माणाधीन मुगल म्यूजियम, छत्रपति शिवाजी महाराज के नाम पर स्थापित होगा। मुख्यमंत्री सोमवार को अपने सरकारी आवास पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आगरा मंडल के विकास कार्यो की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार राष्ट्रवादी विचारों को पोषित करने वाली है। गुलामी की मानसिकता के प्रतीक चिन्हों को छोड़, राष्ट्र के प्रति गौरवबोध कराने वाले विषयों को बढ़ावा देने की आवश्यकता है। हमारे नायक मुगल नहीं हो सकते। शिवाजी महराज हमारे नायक हैं। इसीलिए आगरा का मुगल म्यूजियम छात्रपति शिवाजी के नाम से जाना जाएगा।
मंडलायुक्त के साथ-साथ जनपद आगरा, फिरोजाबाद, मैनपुरी और मथुरा के जिलाधिकारियों से जनपद में प्रस्तावित और जारी विभिन्न योजनाओं की प्रगति का विवरण प्राप्त करते हुए मुख्यमंत्री ने संपूर्ण ब्रज क्षेत्र में पेयजल की समस्या के निस्तारण के लिए जारी परियोजनाओं को शीघ्रता से पूर्ण करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि शुद्ध पेयजल की सुविधा हर नागरिक का अधिकार है, इसके लिए हर आवश्यक कदम उठाए जाएं। कहा कि आगरा मेट्रो और एयरपोर्ट परियोजनाओं में कतई देरी न की जाए, अगर कहीं समस्या आ रही है तो तत्काल बताएं, जरूरत पड़ी तो केंद्र सरकार से भी वार्ता की जाएगी।
बीते दिनों जारी देश के स्मार्ट सिटीज की रैंकिंग में आगरा का स्थान पूरे देश में राष्ट्रीय स्तर पर तृतीय एवं उत्तर प्रदेश में घोषित स्मार्ट सिटी की सूची में प्रथम स्थान पर है। आगरा में कोविड मृत्यु-दर को कम करने के प्रयास तेज करने के निर्देश देते सर्विलांस पर जोर देने के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया।
मथुरा जनपद की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि ब्रज क्षेत्र भगवान श्रीकृष्ण की पुण्य लीलास्थली है। मथुरा, नंदगांव, बरसाने, वृंदावन में देश-दुनिया से आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के दृष्टिगत आवश्यक व्यवस्था की जाए। जो परियोजना चल रही हैं, उसे समयबद्घ ढंग से पूरा किया जाए। इस संबंध में धनाभाव नहीं होने दिया जाएगा।
सांसद हेमा मालिनी ने छाता क्षेत्र में चीनी मिल, एक केंद्रीय विद्यालय और स्पोर्ट स्टेडियम के निर्माण को मांग की। इस पर मुख्यमंत्री ने जन अपेक्षाओं के अनुरूप चीनी मिल निर्माण कराने के लिए कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि कहा कि विकास का पैसा जनता की गाढ़ी कमाई का है। इसके पाई-पाई का सदुपयोग सुनिश्चत कराएं। पैसा जिस मद का है, अनिवार्य रूप से उसी में खर्च करें। अगर गड़बड़ी पाई गई तो वसूली भी कराई जाएगी।