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जेएनयू विवाद पर केन्द्र का बचाव करते रविशंकर प्रसाद

तिरूवनंतपुरम डेस्क/ जेएनयू विवाद पर केन्द्र का बचाव करते हुए केन्द्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने आज कहा कि भारत के खिलाफ किसी तरह की आलोचना को सहन नहीं किया जाएगा। माकपा द्वारा की गयी चुनाव बाद हिंसा के पीड़ितों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि जेएनयू विवाद इसलिए उभरा क्योंकि आंदोलन कर रहे छात्रों ने संसद पर हमले के मुख्य दोषी अफजल गुरु के समर्थन में नारे लगाये। उन्होंने कहा, ‘मैं आपको बताना चाहता हूं कि जेएनयू मुद्दे पर भाजपा का क्या रूख है। जेएनयू परिसर में लोगों ने नारे लगाये- भारत की बर्बादी तक, जंग रहेगी, जंग रहेगी।’

प्रसाद ने कहा, ‘उन्होंने अन्य नारा लगाया, अफजल हम शर्मिंदा हैं तेरे कातिल जिंदा हैं।’ उन्होंने लोगों से पूछा कि क्या वह जानते हैं कि अफजल गुरु कौन था। अफजल गुरु संसद पर हमले के मामले का मुख्य दोषी था जो पाकिस्तान से आया था। केन्द्रीय संचार तथा सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री ने कहा, ‘अफजल गुरु तथा अन्य को निचली अदालत, उच्च न्यायालय एवं उच्चतम न्यायालय ने दोषी ठहराया। यहां तक कि राष्ट्रपति ने भी उसकी दया याचिका को ठुकरा दिया और अब आप कह रहे हैं कि अफजल के हत्यारे जिंदा है और हम शर्मिंदा हैं।’ उन्होंने यह भी कहा कि भारत के खिलाफ किसी भी तरह की निंदा को स्वीकार नहीं किया जाएगा।

 उन्होंने कहा, ‘आप भाजपा की आलोचना कर सकते हैं। आप प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की आलोचना कर सकते हैं। आप अन्य नेताओं की आलोचना कर सकते हैं। किन्तु भारत की आलोचना सहन नहीं की जाएगी और हम इस बारे में बहुत स्पष्ट हैं।’ प्रसाद ने भारत माता की जय से संबंधित नारे लगाने के हालिया विवाद की भी चर्चा की। उन्होंने कहा, ‘अरे, यह सब क्या है। आखिरकार भारत में आप भारत माता की जय नहीं कहेंगे। कोई मजबूरी नहीं है। किन्तु भारत माता का सम्मान दिल से होता है। हम इसे लेकर बहुत स्पष्ट हैं।’

केन्द्रीय मंत्री ने हवलदार अब्दुल हमीद का उल्लेख किया जिन्होंने पाकिस्तान के साथ 1965 युद्ध में अपने प्राण बलिदान कर दिये और उनके अंतिम शब्द थे ‘हिन्दुस्तान जिन्दाबाद एवं भारत माता की जय।’ उन्होंने कहा, ‘हम गर्व से कहते हैं कि कोई मजबूरी नहीं है। किन्तु भारत के लिए सम्मान दिल से होता है तथा हम हमेशा कहेंगे, भारत माता की जय, भारत माता की जय और भारत माता की जय।’

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