पटना डेस्क/ राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने मंगलवार को एक बार फिर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधा।
तेजस्वी ने कहा कि बिहार में भारी लूट और भ्रष्टाचार का बोलबाला है। उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि क्या मुख्यमंत्री जी नैतिकता और कर्तव्य बोध की तिलांजलि देकर जनता का पैसा लूटने और लूटवाने के लिए गद्दी पर बैठे हैं?
बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने आरोप लगाते हुए कहा, “योजना मद का आधा हिस्सा खर्च होता है बाकी भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ता है। कागजों में बजटीय राशि खर्च करने के लिए मार्च महीने में सबसे बड़ी लूट होती है।”
उन्होंने एक बयान जारी कर कहा, “पिछले 8-10 वर्षों से सभी विभागों के हजारों-लाखों करोड़ रुपये के उपयोगिता प्रमाण पत्र जमा नहीं किए गए हैं, क्योंकि विभागों के पास कोई लेखा-जोखा ही नहीं है कि कौन सी राशि किस मद में खर्च की गई है।”
तेजस्वी ने मुख्यमंत्री से सवाल किया कि वे बताएं कि, “8-10 वर्ष बाद भी प्रशासन और उनके विभाग उपयोगिता प्रमाण पत्र क्यों नहीं जमा कर पाए हैं। अगर सब कुछ पारदर्शी और सही है तो फिर 10-10 वर्षों की देरी क्यों? बिहार में भारी लूट और भ्रष्टाचार का बोलबाला है। प्रखंड से लेकर सचिवालय तक भ्रष्टाचार के अड्डे बन चुके हैं। हर विभाग के अनुमानित बजट और वास्तविक व्यय में भारी अंतर होता है।”
उन्होंने कहा, “यह मैं नहीं सीएजी की हर वर्ष की रिपोर्ट कहती है। समय लगे तो मुख्यमंत्री जी को विगत 10 वर्षों की सीएजी रिपोर्ट स्वयं से पढ़नी चाहिए। क्या मुख्यमंत्री जी नैतिकता और कर्तव्य बोध की तिलांजलि देकर जनता का पैसा लूटने और लूटवाने के लिए गद्दी पर बैठे हैं?”