नई दिल्ली डेस्क/ भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का रूस दौरा समाप्त हो गया है और वह अब भारत वापस आने से पहले तेहरान जाएंगे। राजनाथ तेहरान में अपने ईरानी समकक्ष के साथ मुलाकात करेंगे। राजनाथ सिंह ने शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ), सामूहिक सुरक्षा संधि संगठन (सीएसटीओ) और कॉमनवेल्थ ऑफ इंडिपेंडेंट स्टेट्स (सीआईएस) के रक्षा मंत्रियों की संयुक्त बैठक में भाग लेने के लिए रूस की राजधानी मास्को का दौरा किया था।
मास्को छोड़ने से ठीक पहले उन्होंने बताया कि तेहरान में वह अपने ईरानी समकक्ष ब्रिगेडियर जनरल अमीर हातमी के साथ बातचीत करेंगे। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चार सितंबर को मास्को में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक के दौरान चीनी रक्षा मंत्री जनरल वेई फेंघे से मुलाकात की। दोनों मंत्रियों ने भारत-चीन सीमा क्षेत्रों के साथ-साथ भारत-चीन संबंधों के विकास के बारे में खुलकर गहन चर्चा की।
सिंह ने पिछले कुछ महीनों में भारत-चीन सीमा क्षेत्रों के पश्चिमी सेक्टर में गलवान घाटी सहित वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के साथ हुए घटनाक्रम पर भारत की स्थिति को स्पष्ट रूप से व्यक्त किया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि चीनी सेना की कार्रवाई, जिसमें बड़ी संख्या में सैनिकों को एकत्र करना, आक्रामक रवैया और यथास्थिति को बदलने का एकतरफा प्रयास शामिल है, द्विपक्षीय समझौते का उल्लंघन है।
सिंह ने स्पष्ट रूप से कहा कि भारतीय सैनिकों ने हमेशा सीमा प्रबंधन के प्रति बहुत ही जिम्मेदार रुख अपनाया है, लेकिन भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए उनके दृढ़ संकल्प में कोई संदेह नहीं होना चाहिए। बैठक के दौरान, चीन के रक्षा मंत्री ने कहा कि दोनों पक्षों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच पहुंची सहमति को गहराई से लागू करना चाहिए और बातचीत और परामर्श के माध्यम से मुद्दों को हल करना जारी रखना चाहिए।
इसके साथ ही उन्होंने माना कि विभिन्न द्विपक्षीय समझौतों का सख्ती से पालन करना चाहिए, सीमावर्ती सैनिकों के विनियमन को मजबूत करना चाहिए और ऐसी कोई भी उत्तेजक कार्रवाई नहीं की जानी चाहिए, जिससे स्थिति खराब हो। बैठक के दौरान, जनरल फेंघे ने सुझाव दिया कि दोनों पक्षों को सभी मंत्रियों सहित सभी स्तरों पर संचार बनाए रखना चाहिए। सिंह ने कहा कि दोनों पक्षों के नेताओं की आम सहमति से मार्गदर्शन लेना चाहिए और भारत-चीन सीमा क्षेत्रों में शांति द्विपक्षीय संबंधों के आगे के विकास के लिए आवश्यक है।
उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों को मतभेदों को विवाद नहीं बनने देना चाहिए। उन्होंने माना कि दोनों पक्षों को सीमावर्ती क्षेत्रों में चल रही स्थिति और मुद्दों को शांति से बातचीत के माध्यम से हल करना चाहिए। चीनी रक्षा मंत्री ने संदेश दिया कि चीनी पक्ष भी शांतिपूर्ण ढंग से मुद्दों को हल करना चाहता है। सिंह ने सलाह दी कि यह महत्वपूर्ण है कि चीन भारतीय पक्ष के साथ पैंगॉन्ग झील सहित सभी गतिरोध वाले क्षेत्रों से जल्द से जल्द सैनिकों को हटाने का काम करे।
उन्होंने कहा कि एकतरफा रूप से यथास्थिति को बदलने के प्रयास नहीं किए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि मौजूदा स्थिति को जिम्मेदारी से संभाला जाना चाहिए। सिंह ने कहा कि किसी भी पक्ष को ऐसी कोई कार्रवाई नहीं करनी चाहिए, जो स्थिति को जटिल बना दे या जिससे सीमावर्ती क्षेत्रों में गतिरोध बढ़े। सिंह ने संदेश दिया कि दोनों पक्षों को अपनी चर्चा जारी रखनी चाहिए, जिसमें कूटनीतिक और सैन्य चैनलों के माध्यम से, जल्द से जल्द एलएसी के साथ पूर्ण शांति बहाली सुनिश्चित करना है।