भोपाल डेस्क/ मध्य प्रदेश की व्यापारिक नगरी इंदौर की पहचान देश में इतिहास रचने वाले शहर की बनती जा रही है। देश के सबसे स्वच्छ शहर का चार बार तमगा हासिल किया, शत-प्रतिशत आबादी के वैक्सीनेशन में अव्वल रहा, वाटर प्लस सिटी बनी और अब यहां के दो इलाकों केा भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) द्वारा क्लीन स्ट्रीट फूड हब का टैग प्रदान किया है।
स्वच्छता के क्षेत्र में नए कीर्तिमान रचने वाले इंदौर ने खान-पान में उच्च गुणवत्ता उपलब्ध कराने की दिशा में भी कदम बढ़ाया है, यही कारण है कि उसे प्रदेश में नंबर वन का दर्जा प्राप्त कर लिया है। इंदौर के विश्व प्रसिद्ध सराफा बाजार और 56 दुकान स्थित स्ट्रीट फूड सेंटर को भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) द्वारा क्लीन स्ट्रीट फूड हब का टैग प्रदान किया गया है।
एफएसएसएआई द्वारा प्रमाणित किया गया है कि इंदौर शहर के 56 दुकान और सराफा बाजार की स्ट्रीट पर हाइजेनिक और स्वच्छ खाने के आइटम मिलते हैं। इस तरह क्लीन स्ट्रीट फूड हब के दो टैग पाने वाला इंदौर प्रदेश का पहला शहर बन गया है। उल्लेखनीय है कि एफएसएसएआई द्वारा सर्राफा बाजार और 56 दुकान के स्ट्रीट फूड सेंटर का थर्ड पार्टी से ऑडिट के माध्यम से साफ-सफाई, हाईजीन, शुद्धता, कचरे का सही निपटान और बेहतर व्यवस्था के अलग-अलग पैमानों पर अंक देते हुए सर्वे करवाया गया था।
एफएसएसएआई ने इंदौर के उक्त दोनों स्ट्रीट फूड सेंटर को अपने मापदंडों पर टेस्ट कर क्लीन स्ट्रीट फूड सेंटर प्रमाणित किया है। अब आम जनता यहाँ बिना किसी शंका के निश्चिंत होकर स्ट्रीट फूड खा सकती है। इंदौर के आमजन की जागरुकता का ही नतीजा है कि यह शहर हर मामले में दूसरों के लिए नजीर बन रहा है। इसे चार बार देश के सबसे साफ सुथरे शहर का अवार्ड मिल चुका है।
देश का पहली वाटर प्लस सिटी का गौरव भी इंदौर को ही हासिल हुआ है। बात कोरोना के खिलाफ लड़ाई लड़ने की हेा तो समूचे देश में 10 लाख से अधिक की आबादी वाले जिलों में इंदौर पहला जिला बन गया है, जहाँ के शत-प्रतिशत लक्षित नागरिकों को प्रथम डोज की वैक्सीन लगायी जा चुकी है। जिले का लक्ष्य 28 लाख 7 हजार 559 लोगों का टीकाकरण करना था। इस लक्ष्य को पार करते हुए 28 लाख 8 हजार 212 व्यक्तियों का टीकाकरण कर लिया गया है।