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नीट और जेईई के 27 लाख छात्रों को नहीं जाना पड़ेगा शहर से बाहर

नीट और जेईई के 27 लाख छात्रों को नहीं जाना पड़ेगा शहर से बाहर

नई दिल्ली डेस्क/ नीट और जेईई जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं में 27 लाख से अधिक छात्रों को अपनी पसंद का परीक्षा केंद्र चुनने का अवसर मिलेगा। इससे कोरोना संक्रमण के इस दौर में छात्रों को प्रवेश परीक्षाएं देने के लिए दूसरे शहरों में नहीं जाना पड़ेगा। ऐसे छात्र जो फॉर्म भर चुके हैं उन्हें भी अपनी पसंद का परीक्षा केंद्र चुनने का एक और अवसर दिया जाएगा।

नेशनल टेस्टिंग एजेंसी यानी एनटीए ने इस विषय में एक आधिकारिक सूचना जारी की है। एनटीए के महानिदेशक विनीत जोशी ने कहा, नीट परीक्षा में शामिल होने वाले छात्र परीक्षा केंद्र व परीक्षा के शहर का विकल्प चुन सकते हैं। इसके लिए एनटीए ने वेबसाइट पर 15 जुलाई तक का समय दिया है। छात्र यह जानकारी अभी से अपडेट कर सकते हैं।

नीट प्रतियोगी परीक्षा के लिए 16.84 लाख अभ्यर्थियों ने फॉर्म भरा है। सभी 16.84 लाख अभ्यर्थी अपनी सुविधा अनुसार फार्म में बदलाव कर सकते हैं। इसी तरह जेईई की प्रवेश परीक्षाओं में भी यह सुविधा प्रदान की गई है। राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी यानी एनटीए ने इसके लिए आवश्यक प्रावधान किए हैं। इसके अंतर्गत लगभग 10 लाख छात्रों को यह सुविधा उपलब्ध कराई गई है।

एनटीए के मुताबिक छात्रों को परीक्षा केंद्रों की उपलब्धता के आधार पर उनका नजदीकी परीक्षा केंद्र आवंटित किया जाएगा। कोरोनावायरस के कारण देश भर में जेईई और नीट की परीक्षा देने वाले लाखों छात्रों की अनिश्चितताओं को विराम देते हुए इन परीक्षाओं की नई तिथियां भी घोषित की गई हैं। अब जेईई (मेन) की परीक्षा 1 से 6 सितंबर के बीच होंगी। नीट की परीक्षा 13 सितंबर को होगी। जेईई एडवांस की परीक्षा 27 सितंबर को होगी। पहले जेईई की परीक्षा 18 जुलाई से 23 जुलाई के बीच और नीट की परीक्षा 26 जुलाई को होनी थी।

तिथियों की घोषणा करते हुए केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा, इस महामारी के दौरान हमारी प्राथमिकता छात्रों के स्वास्थ्य को सुरक्षित रखना है। जेईई और नीट की परीक्षाओं को लेकर देश से लेकर विदेश के छात्रों में काफी अनिश्चितताएं व्याप्त थीं। इस समय की परिस्थितियों को देखते हुए हम अभी ये परीक्षा आगे बढ़ा रहे हैं। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि परीक्षा आयोजित करवाते समय हम गृह मंत्रालय और स्वास्थ मंत्रालय द्वारा दिए गए दिशानिर्देशों का पालन सख्ती से किया जाए ताकि छात्रों को इस महामारी की चपेट से दूर रखा जाये।

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