नई दिल्ली डेस्क/ प्रख्यात विधिवेत्ता और पूर्व केंद्रीय मंत्री राम जेठमलानी का रविवार को 95 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। उन्होंने बेहद कठिन आपराधिक मामले लड़े और इंदिरा गांधी तथा राजीव गांधी हत्या मामले में आरोपियों का बचाव भी किया था। जेठमलानी ने नयी दिल्ली स्थित अपने आधिकारिक आवास पर सुबह 7.45 बजे अंतिम सांस ली। उनके बेटे महेश जेठमलानी ने कहा कि पिछले कुछ महीने से उनकी तबियत ठीक नहीं थी।
उनके बेटे ने बताया कि उनका जन्मदिन 14 सितम्बर था और अपने 96वें जन्मदिन से कुछ दिन पहले ही उनका निधन हो गया। जेठमलानी का अंतिम संस्कार रविवार शाम साढ़े चार बजे लोधी रोड श्मशान घाट पर हुआ। पूर्व केंद्रीय मंत्री के परिवार में महेश के अलावा उनकी बेटी है जो अमेरिका में रहती है। उनकी एक अन्य बेटी रानी जेठमलानी का 2011 में निधन हो गया था जबकि एक अन्य बेटे जनक की भी पहले मृत्यु हो चुकी है।
जेठमलानी पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के समय केंद्रीय कानून मंत्री और शहरी विकास मंत्री रहे थे और बाद में 2004 के लोकसभा चुनाव मे लखनऊ सीट से उन्हीं के खिलाफ चुनाव लड़े। वह 2010 में उच्चतम न्यायालय बार एसोसिएशन के अध्यक्ष भी रहे। जेठमलानी के निधन की खबर आने के तुरंत बाद श्रद्धांजलियों का तांता लग गया और राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने उनके निधन पर दुख जताया।
राष्ट्रपति सचिवालय ने ट्वीट किया, ‘‘पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ अधिवक्ता राम जेठमलानी के निधन से दुखी हूं। वह सार्वजनिक मुद्दों पर अपनी राय जाहिर करने के लिए जाने जाते थे। देश ने एक प्रख्यात विधिवेत्ता, बुद्धिजीवी को खो दिया है।’’ नायडू ने कहा कि जेठमलानी ‘‘भारत के बड़े बुद्धिजीवियों में थे’ और देश ने एक प्रख्यात विधिवेत्ता, देशभक्त और बुद्धिजीवी को खो दिया है जो अपने अंतिम सांस तक सक्रिय रहे।’ मोदी ने कहा कि जेठमलानी ‘‘हाजिर जवाब, साहसी और किसी भी विषय पर विचार व्यक्त करने से नहीं हिचकने वाले व्यक्ति थे।’’