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फीफा विश्व कप : आखिरी प्रयास में पुर्तगाल को खिताब दिलाना चाहेंगे रोनाल्डो

फीफा विश्व कप : आखिरी प्रयास में पुर्तगाल को खिताब दिलाना चाहेंगे रोनाल्डो

स्पोर्ट्स डेस्क/ करिश्माई फारवर्ड क्रिस्टियानो रोनाल्डो की अगुवाई में 2016 यूरोपीय चैम्पियनशिप में सबको चौकाते हुए खिताब जीतने वाली पुर्तगाल की नजर अगले माह रूस में शुरू होने वाले फीफा विश्व कप की ट्रॉफी पर होगी। रोनाल्डो ने अबतक तीन विश्व कप में हिस्सा लिया है और 33 वर्षीय सुपरस्टार का यह आखिरी विश्व कप भी हो सकता है। ऐसे में दुनिया भर के फुटबाल प्रशंसकों की नजरे इस महान खिलाड़ी पर टिकी होंगी क्योंकि वह खुद भी ट्रॉफी के साथ विश्व कप को अलविदा कहना चाहेंगे।

विश्व कप में एक टीम के रूप में पुर्तगाल का प्रदर्शन मिला-जुला रहा है। पुर्तगाल ने 1966 में पहली बार इस टूर्नामेंट में हिस्सा लिया था। अपने पहले विश्व कप में पुर्तगाल का प्रदर्शन शानदार रहा और टीम ने सेमीफाइनल तक का सफर तय किया। सेमीफाइनल में पुर्तगाल को टूर्नामेंट की विजेता मेजबान इंग्लैंड के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा था। पुर्तगाल एवं उत्तर कोरिया के बीच हुआ क्वार्टर फाइनल मुकाबला विश्व कप इतिहास के सबसे यादगार मैचों में गिना जाता है।

शुरूआती 25 मिनटों में 0-3 से पिछड़ने के बाद पुर्तगाल ने ‘द ब्लैक पैंथर’ के नाम से मशहूर महान खिलाड़ी युसेबियो के चार गोलों की बदौलत दमदार वापसी करते हुए कोरिया को 5-3 से शिकस्त दी। युसेबियो ने विश्व कप में बेहतरीन प्रदर्शन किया और टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा कुल नौ गोल दागे। पुर्तगाल के फुटबाल इतिहास में सबसे ज्यादा गोल करने वाले रोनाल्डो ने पहली बार 2006 विश्व कप में भाग लिया। रानाल्डो, लुइस फीगो और पॉलेटा जैसे खिलाडियों की मौजूदगी में टीम ने शानदार प्रदर्शन किया लेकिन 1966 की तरह इस बार भी टीम का सफर सेमीफाइनल में रुक गया। फ्रांस ने एक कड़े सेमीफाइनल मुकाबले में पुर्तगाल को 1-0 से मात दी।

रोनाल्डो को 2010 विश्व कप के लिए टीम का कप्तान बनाया गया। इंग्लिश क्लब मैनचेस्टर युनाइटेड से 9.4 करोड़ यूरो की कीमत पर स्पेनिश क्लब रियल मेड्रिड में शामिल होने वाले रोनाल्डो से विश्व कप में दमदार प्रदर्शन की उम्मीद थी लेकिन वह पूरे टूनार्मेंट में एक ही गोल दाग पाए ओर टीम प्री-क्वार्टर फाइनल मुकाबले स्पेन के खिलाफ हारकर विश्व कप से बाहर हो गई।

रोनाल्डो की कप्तानी में ब्राजील में हुए 2014 विश्व कप में भी पुर्तगाल अच्छा प्रदार्शन नहीं कर पाई और ग्रुप स्तर से आगे नहीं बढ़ पाई। रोनाल्डो पूरे टूर्नामेंट के दौरान घुटने की चोट से भी जूझते नजर आए। 2018 विश्व कप के लिए पुर्तगाल की टीम में भले ही सुपरस्टार खिलाड़ियों की भरमार ना हो लेकिन 2016 यूरोपीय चैम्पियनशिप में किए गए शानदार प्रदर्शन के बाद कोई भी टीम उन्हे हल्के में लेने की गलती नहीं करेगी।

फर्नान्डो सांतोस के सितंबर 2014 में पुर्तगाल का कोच बनने के बाद भी टीम के प्रदर्शन में बदलाव आया है। सांतोस के मार्गदर्शन में पुर्तगाल ने 24 में से कुल 20 मैच जीते हैं जबकि केवल एक में उसे हार का सामना करना पड़ा है। पुर्तगाल भले ही रोनाल्डो पर अत्याधिक निर्भर नजर आए लेकिन विश्व कप में ग्रुप बी में मौजूद स्पेन, मोरक्को एवं ईरान की टीम बर्नाडो शिल्वा, आंद्रेस सिल्वा एवं रिकाडरे क्वारेसमा के कौशल से भी परिचित होगी।

फारवर्ड लाइन की तरह पुर्तगाल की मिडफील्ड में भी सधी हुई नजर आ रही है। पुर्तगाल के तीन प्रमुख डिफेंडर पेपे, ब्रेनो आल्वेस एवं जोसे फोंते की उम्र 30 के पार है लेकिन इन खिलाड़ियों का अनुभव टीम के लिए संजीवनी बूटी साबित हो सकती है। पुर्तगाल विश्व कप में अपना पहला मैच 15 जून को स्पेन के खिलाफ खेलेगी।

टीम :

गोलकीपर : एंथोनी लोपेस, बेटो और रुई पैट्रीसियो।

डिफेंडर : ब्रूनो आल्वेस, सेड्रिक सोआरेस, जोसे फोंते, मारियो रुई, पेपे, राफेल गरेरो, रिकाडरे परेरा, रुबेन दियास।

मिडफील्डर : आंद्रेस सिल्वा, ब्रूनो फर्नाडेस, जाओ मारियो, जाओ मोटिन्हो, मैनुअल फर्नाडेस, विलियम कार्वाल्हो।

फारवर्ड : आंद्रे सिल्वा, बर्नाडो सिल्वा, जेल्सन मार्टिन्स, गोनकालो गुएडेस, रिकाडरे क्वारेसमा, क्रिस्टियानो रोनाल्डो।

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