लखनऊ डेस्क/ उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव की सरगर्मी के बीच बुधवार को बहुजन समाज पार्टी की निलंबित विधायक वंदना सिंह और कांग्रेस की निलंबित विधायक अदिति सिंह ने भारतीय जनता पार्टी के मुख्यालय में पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने दोनों महिला विधायकों को पार्टी की सदस्यता ग्रहण कराई और उनका स्वागत करते हुए कहा, ”आज पहली बार दो महिला विधायक भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो रही हैं। एक अखिलेश को चुनौती देने के लिए आजमगढ़ और एक सोनिया-प्रियंका (कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा) को। दोनों परिश्रमी हैं और अपने-अपने क्षेत्र में लोकप्रिय हैं।’’
दोनों विधायकों की सराहना करते हुए प्रदेश अध्यक्ष ने कहा, ”दलित शोषित और पीड़ित के पक्ष में रहती हैं और आज भाजपा को मजबूत करने, उप्र के विकास और 2022 में भाजपा की प्रचंड जीत के लिए दोनों ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण की है। मैं प्रदेश अध्यक्ष के नाते आपका स्वागत करते हुए उम्मीद करता हूं कि आपके आने से पार्टी मजबूत होगी।”
गौरतलब है कि आजमगढ़ जिले के सगड़ी विधानसभा क्षेत्र से 2017 में वंदना सिंह ने बसपा के टिकट पर चुनाव जीता जिन्हें राज्यसभा चुनाव के दौरान बसपा प्रमुख मायावती ने पार्टी से निलंबित कर दिया था। वंदना सिंह के पति पूर्व विधायक सर्वेश सिंह सीपू की समाजवादी पार्टी की सरकार के दौरान आजमगढ़ जिले के जीयनपुर कस्बे में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। वंदना के ससुर राम प्यारे सिंह भी सगड़ी के विधायक और उत्तर प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री भी रहे।
रायबरेली जिले की सदर विधानसभा क्षेत्र से 2017 में अदिति सिंह ने कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीता और पिछले कुछ वर्षों से वह पार्टी लाइन के विरोध में थीं। उन्होंने कई बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्यों की सार्वजनिक मंच से सराहना की थी। अदिति के पिता अखिलेश सिंह रायबरेली में कई बार विधायक रहे जिनका कुछ वर्ष पहले निधन हो गया था। पिछले साल प्रियंका गांधी पर टिप्पणी करने के बाद पार्टी ने विधायक अदिति सिंह को निलंबित कर उनको कारण बताओ नोटिस जारी की और अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू कर दी थी।
कोरोना काल में कांग्रेस द्वारा दूसरे राज्यों में फंसे प्रवासियों को लाने के लिए बस भेजने का दावा करने के बाद सूची में बस की जगह स्कूटर और अन्य छोटी गाड़ियों का नंबर दिये जाने पर अदिति सिंह ने कहा था, ”आपदा के वक्त ऐसी ओछी सियासत की जरूरत क्या है, एक हजार बसों की सूची भेजी गई, उसमें भी आधी से ज्यादा बसों का फर्जीवाड़ा।” उन्होंने इस दिशा में योगी आदित्यनाथ के प्रयासों की सराहना की थी।