लखनऊ डेस्क/ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को विधान परिषद में कहा कि उनकी सरकार ने अब तक राजस्व विभाग की 67,000 एकड़ जमीन को भूमाफिया से मुक्त कराया है और उस पर खेल के मैदान बनाने को प्राथमिकता दी है। मुख्यमंत्री ने सदस्य सुरेश कुमार त्रिपाठी द्वारा पूछे गए सवाल पर कहा कि वर्ष 2017 में सत्ता में आने के बाद उनकी सरकार ने निजी तथा सार्वजनिक क्षेत्र की जमीनों पर सत्ता के संरक्षण या अन्य तरीकों से किए गए अवैध कब्जे को हटाने के लिए ‘एंटी भू माफिया टास्क फोर्स’ (भू माफिया विरोधी कार्यबल)का गठन किया था।
इस कार्यबल के जरिए अभी तक राजस्व विभाग की 67,000 एकड़ जमीन मुक्त कराई गई है। उन्होंने कहा, “प्राथमिकता के आधार पर उन सभी ग्राम पंचायतों में कहीं पर खेल विभाग के द्वारा, कहीं पर युवा कल्याण विभाग के द्वारा और कहीं पर मनरेगा योजना के तहत खेल के मैदान बनाने को प्राथमिकता दी गई है। हमारा प्रयास है कि न केवल विकासखंड स्तर पर बल्कि ग्राम पंचायत स्तर पर भी खेल के मैदान बनाये जाएं।’’ मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘ अगर प्राथमिक या उच्चतर प्राथमिक विद्यालय के पास जगह मिल जाए तो बच्चों के साथ साथ गांव के सार्वजनिक कार्यक्रमों के लिए भी एक स्थान मिल जाएगा।”
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार की मंशा है कि हर गांव में प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों के पास ही खेल का मैदान उपलब्ध हो। उन्होंने कहा, ‘‘ जिलाधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि अगर इसके लिए जमीन की अदला-बदली करनी पड़े तो की जाए। अभी तक हजारों ग्राम पंचायतों में खेल के मैदान बनाने में सफलता मिल चुकी है।’’ योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश में युवक मंगल दलों और महिला मंगल दलों को स्पोर्ट की किट (खेल के सामान) उपलब्ध कराई जा रही हैं। इसके पूर्व, सूचना की ग्राह्यता पर कांग्रेस सदस्य दीपक सिंह और समाजवादी पार्टी के सदस्य सुनील सिंह ने भी बल दिया। खेल मंत्री उपेंद्र तिवारी ने प्रदेश में खेल के मैदान बनाए जाने संबंधी सवाल पर कहा कि प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार बनने के बाद से 504 खेल के मैदान बनाए गए हैं।