लखनऊ डेस्क/ उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के गाजीपुर थाना क्षेत्र में बीती 18 फरवरी को ने अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूपीएसएसएससी) के पूर्व अध्यक्ष व पूर्व राज्य संपत्ति अधिकारी राजकिशोर यादव के घर पड़ी डकैती का क्राइम ब्रांच, सर्विलांस सेल व थाना गाजीपुर पुलिस टीम ने खुलासा कर दिया है। पुलिस ने मुख्य आरोपी पुराने नौकर, उसकी पत्नी समेत 10 आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनके कब्जे से लूट के 4 लाख 75 हजार रुपये, रिवाल्वर, 27 लाख के सोने-चांदी के जेवरात, बाइक, कार व तमंचा बरामद किया है।
बीती 18 फरवरी को गाजीपुर थाना क्षेत्र के इंदिरानगर के सेक्टर-17 निवासी यूपीएसएसएससी के पूर्व अध्यक्ष राजकिशोर यादव के घर बदमाशों ने धावा बोला था और राजकिशोर यादव और उनकी बेटी प्रशस्ति को बंधक बनाकर घर में जमकर लूटपाट की थी। विरोध करने पर पिटाई कर कर नशीला इंजेक्शन लगाकर बेहोश कर दिया था।
इस घटना के खुलासे के लिए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कलानिधि नैथानी ने कई टीमें गठित कर बदमाशों की तलाश शुरू की थी। पुलिस को अपनी तलाश में सीसीटीवी फुटेज से काफी फायदा मिला था, जिसके आधार पर घटना के 6 दिन बाद क्राइम ब्रांच, सर्विलांस सेल व थाना गाजीपुर पुलिस टीम डकैती के मास्टरमाइंड नौकर व उसकी पत्नी सहित 10 आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।
एसएसपी नैथानी ने बताया कि पुलिस टीम ने आज सुबह 5:30 बजे सर्वोदय नगर फरेंदा से मुखबिर की सूचना के आधार पर घटना में संलिप्त सभी आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। आरोपियों की पहचान राजकिशोर यादव के पुराने नौकर अजय वाल्मीकि, उसकी पत्नी माधुरी निवासीगण बरेली, बबलू कोरी व बबलू वाल्मीकि निवासीगण रामपुर, रामगोपाल उर्फ सिंटू उर्फ मुकेश निवासी गोंडा, वीरेंद्र कुमार उर्फ भरत पाल निवासी फतेहपुर, सोनू उर्फ देवा व शनि सिंह निवासी बहराइच, संजीत यादव और राज रस्तोगी निवासीगण लखनऊ के रूप में हुई।
एसएसपी ने बताया पूछताछ पर आरोपी अजय वाल्मीकि ने बताया कि राजकिशोर यादव रिटायर्ड आईएएस अधिकारी के यहां उसने 6 साल पहले नौकरी की नौकरी डेढ़ साल पहले छोड़ दी थी। उनके यहां नौकरी करने के दौरान काफी ज्वेलरी के देखा था। तभी से उसके मन में चोरी करने की योजना बनाई थी। योजना में उसकी पत्नी माधुरी को आईएएस अधिकारी के यहां पिछले 25 साल से नौकरी कर रहे विजय को बातचीत करना शुरू करवा दिया। बातचीत के दौरान ही पत्नी माधुरी ने काफी दोस्ती बढ़ा ली और उनके घर आने जाने वाले दोस्त रामगोपाल उर्फ मुकेश को अधिकारी के यहां नौकरी कर रहा था और सभी सूचनाएं अंदर बाहर आने जाने की देता था।
इस दौरान अजय अपने मामा बबलू वाल्मीकि, उनके गांव का एक लडक़ा बबलू कोरी तथा अपने दोस्त सोनू देवा व भारत पाल उर्फ धीरेंद्र कुमार संजीत यादव व शनि सिंह के साथ मिलकर योजना बनाई। 18 फरवरी को मुकेश ने बताया कि रिटायर्ड अधिकारी उनकी बेटी घर पर हैं। योजना के मुताबिक 18 को मुकेश सुबह काम करने के लिए उनके घर गया और सभी लोगों को बोलेरो कार से मुंशी पुलिया पर छोड़ दिया।
पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से 475000 रुपये नगद, बेची गई ज्वेलरी, सोने के सोने के चांदी के लूटे गए 500000 रुपये के आभूषण, 4 किलो चांदी करीब 200000 रुपये, लूटे दो मोबाइल फोन, मोटरसाइकिल पल्सर स्कूटी और अवैध 5 तमंचा बरामद किए। एसएसपी ने पुलिस टीम को 20 हजार रुपये से पुरस्कृत करने की घोषणा की है।