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यूपी में सप्ताहिक बंदी से जल्द मिल सकती है राहत, जारी होगी गाइडलाइन

यूपी में सप्ताहिक बंदी से जल्द मिल सकती है राहत, जारी होगी गाइडलाइन

लखनऊ डेस्क/ उत्तर प्रदेश के लोगों साप्ताहिक बंदी से छुटकारा मिल सकता है। अब प्रदेशवासियों को दो दिन की साप्ताहिक बंदी से भी छुटकारा मिल सकता है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को इस संबंध में गृह विभाग विस्तृत गाइडलाइन जारी करने का निर्देश दिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को टीम 9 की बैठक में गृह विभाग को विस्तृत गाइडलाइन जारी करने के निर्देश दिए।

हालांकि, उन्होंने ये भी कहा कि प्रत्येक स्थान पर प्रत्येक दशा में कोविड प्रोटोकॉल का अनुपालन कराया जाए। कहीं भी अनावश्यक भीड़भाड़ न हो। पुलिस पेट्रोलिंग सतत जारी रहे। नवीन व्यवस्था के संबंध में समुचित दिशा-निर्देश जारी किए जाएं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कोविड की नियंत्रित स्थिति को देखते हुए दो दिवसीय साप्ताहिक बंदी में आंशिक छूट दिए जाने पर विचार किया जा सकता है, लेकिन प्रत्येक स्थान पर प्रत्येक दशा में कोविड प्रोटोकाल का सख्ती से पालन कराया जाए।

प्रदेश में कोरोना महामारी की दूसरी लहर पर प्रभावी नियंत्रण बना हुआ है। बुधवार को अलीगढ़, अमेठी, चित्रकूट, एटा, फिरोजाबाद, गोंडा, हाथरस, कासगंज, पीलीभीत, प्रतापगढ़, शामली और सोनभद्र में कोविड का एक भी मरीज शेष नहीं है।

कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर हावी हुई तो लाकडाउन में यूपी की विभिन्न गतिविधियां प्रतिबंधित कर दी गईं। बाजारों या सार्वजनिक स्थानों पर भीड़भाड़ रोकने के लिए चरणवार तरीके से शुक्रवार, शनिवार और रविवार की साप्ताहिक बंदी लगा दी गई। फिर जब कोरोना का प्रभाव कम हुआ तो सरकार ने बाजार, मॉल, मल्टीप्लेक्स, दफ्तर खोलने के साथ साप्ताहिक बंदी को भी घटाकर दो दिन का कर दिया। अब चूंकि प्रदेश में कोरोना पूरी तरह से काबू में नजर आ रहा है, इसलिए सरकार ने माध्यमिक और उच्च शिक्षण संस्थानों में पढ़ाई शुरू करने का भी फैसला कर लिया।

राज्य में धीरे-धीरे लगभग सभी प्रतिबंध खत्म हो चुके हैं। ऐसे में लोगों को साप्ताहिक बंदी से भी राहत का इंतजार है। व्यापारी और कारोबारी इसलिए ऐसा चाहते हैं, क्योंकि अधिकांश नौकरीपेशा लोग वीकेंड पर ही खरीदारी के लिए निकलते हैं। उन दो दिनों में व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रहने से कारोबार प्रभावित हो रहा है। वहीं, आमजन की समस्या भी इसी से जुड़ी है। बाकी दिन कामकाज के होते हैं। शनिवार और रविवार ही खरीदारी आदि के लिए मिलते हैं।

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