रांची डेस्क/ झारखंड की सीनियर आईएएस पूजा सिंघल के खिलाफ सात दिनों से चल रही ईडी की कार्रवाई में कई बड़े खुलासे हुए हैं। ईडी ने इनमें से कई खुलासों के बारे में रांची के सीबीआई-पीएमएलए कोर्ट को लिखित तौर पर जानकारी दी है। ईडी के अनुसार सीए सुमन कुमार सिंह ने पूछताछ में यह स्वीकार किया है कि उसके यहां से बरामद किये गये लगभग पौने पंद्रह करोड़ रुपये में से ज्यादातर राशि आईएएस पूजा सिंघल की है।
ईडी के रांची स्थित क्षेत्रीय कार्यालय के असिस्टेंट डायरेक्टर विनोद कुमार ने अदालत को सीए सुमन कुमार से हुई पूछताछ के कुछ ब्योरे दिये हैं। इसके अनुसार चार्टर्ड अकाउंटेंट ने ईडी को बताया है कि पूजा सिंघल के निर्देश पर उनके परिवार के स्वामित्व वाले पल्स अस्पताल की जमीन खरीदने के लिए एक बड़े बिल्डर को उसने 3 करोड़ नकद दिए थे।
अदालत को ईडी की ओर से दिये गये ब्योरे में पूजा सिंघल की रिश्वतखोरी से जुड़े प्रकरण के बारे में भी बताया गया है। इसके मुताबिक खूंटी में मनरेगा घोटाले के एक आरोपी अफसर ने ईडी को जानकारी दी है कि पूजा सिंघल जब खूंटी में डीसी थीं, तब जूनियर इंजीनियर रामविनोद सिन्हा कई बार उन्हें सीधे रिश्वत की रकम पहुंचाता था, तो कई बार वह उनके अधीनस्थ अफसर को बंद बैग में रुपयों की गड्डी सौंपता था। अफसर रुपये भरे बैग को पूजा सिंघल के पास पहुंचा देते थे। मनी लांड्रिंग के मामले में ईडी ने उस अफसर को भी अभियुक्त बनाया है।
अफसर के बयान के अनुसार, उसने चार बार देखा कि जेई रामविनोद सिन्हा ने पूजा मैडम को पांच-पांच सौ रुपये के नोटों वाली 18-20 गड्डियां सीधे बतौर रिश्वत दी। यह राशि मनरेगा की योजनाओं में की जानेवाली गड़बड़ियों के एवज में दी जाती थी।
ईडी ने बताया है कि खूंटी के साथ-साथ चतरा में पूजा सिंघल जब बतौर डीसी पोस्टेड थीं, तब मनरेगा में बड़े पैमाने पर गड़बड़ियां हुईं। ईडी ने पूजा सिंघल और उनके पति अभिषेक झा के जो बैंक स्टेटमेंट खंगाले हैं, उसके मुताबिक उपायुक्त की रूप में पदस्थापना के दौरान उन्हें जितनी सैलरी मिली, उसकी तुलना में उनके खाते मे एक करोड़ 43 लाख रुपये ज्यादा जमा हुए। इन्हीं तथ्यों के आधार पर ईडी ने अदालत से पूजा सिंघल को रिमांड पर देने की मांग की थी। अदालत ने गुरुवार से पांच दिनों के लिए सिंघल की पांच दिनों की रिमांड की मंजूरी दी है।