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बीएसपी का मतलब है बहन जी संपत्ति पार्टी: पीएम मोदी

बीएसपी का मतलब है बहन जी संपत्ति पार्टी: पीएम मोदी

उरई (उत्तर प्रदेश) डेस्क/ मोदी ने यूपी में चौथे फेज के लिए चुनाव प्रचार किया। मोदी ने कहा- “बुंदेलखंड के विकास के लिए हम कमिटेड हैं। अगर बीजेपी की सरकार बनी तो यहां अलग से बुंदेलखंड विकास बोर्ड बनाया जाएगा। इसका ऑफिस सीएम के पास होगा। वही इसके काम की निगरानी करेंगे। इतना ही नहीं, पहली कैबिनेट मीटिंग में हम किसानों का कर्ज माफ कर देंगे। मोदी ने सपा और बीएसपी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा- “BSP का मतलब है बहनजी संपत्त‍ि पार्टी। BSP का बहुजन बहनजी में सिमट गया है।

मोदी ने स्पीच की शुरुआत बुंदेलखंडी में की। उन्होंने कहा- “बहुत सालों के बाद आपके बीच आने का सौभाग्य मिला है। इससे पहले, 1992 में जब कश्मीर से कन्याकुमारी की एकता यात्रा के दौरान यहां आने का मौका मिला था। आप इतनी बड़ी तादाद में बीजेपी के उम्मीदवारों और मुझे आशीर्वाद देने आए हैं, मैं बहुत आभारी हूं। ये चुनाव किसकी सरकार बने या किसकी न बने, इतने सीमित उद्देश्य के लिए नहीं है। कौन सीएम बने, कौन विधायक-मंत्री, इसके लिए नहीं है। ये बुंदेलखंड को तय करना है कि सपा-बसपा के चक्कर से निकलना है या नहीं। दोनों ने जो मुसीबत डाली है, उससे बाहर आना है। बुंदेलखंड को परमात्मा ने सब कुछ दिया है। लेकिन उत्तर प्रदेश में ऐसी सरकारें बनीं, जिनके विधायकों, मंत्रियों, मुख्यमंत्रियों ने तबाह करके रख दिया।

मोदी ने कहा, “सपा, बसपा, कांग्रेस एक ही थैली के चट्टे-बट्टे हैं। अपने आपसे पूछिए कि आपके साथ क्या अन्याय नहीं किया गया। बरसों लूटते रहे। अलग-थलग रखा गया।” “अब जो सरकार बनेगी, उसमें बुंदेलखंड की समस्याओं को सुनने की व्यवस्था होगी। सरकार बनने के बाद बुंदेलखंड विकास बोर्ड बनेगा। सीएम ऑफिस से इसका वीकली हिसाब मांगा जाएगा। ये बसपा कहां से कहां पहुंच गई। जब 8 नवंबर, 2016 को मैंने कहा कि 500-1000 के नोट जनता को लौटाने होंगे, सपा-बसपा एक-दूसरे के घोर विरोधी हैं, लेकिन जब नोटबंदी की, कालेधन वालों का हिसाब मांगा, तब सपा, बसपा, कांग्रेस इकट्ठे हो गए। एक भाषा बोलने लग गए। बहनजी ने तो यहां तक कहा- सरकार ने तैयारी नहीं की। हम कहते हैं कि सरकार ने तैयारी नहीं की या फिर उन लोगों को तैयारी का मौका नहीं दिया। उनको नोटबंदी से ज्यादा परेशानी ये है कि इसके लिए तैयारी का मौका नहीं मिल पाया। बैंकों में दनादन पैसे जमा होने लगे। फिर मायावती ने कहा कि चुनाव आते ही मेरे भाई का हिसाब क्यों खोला जाता है।

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