Site icon TV INDIA LIVE

जाने-माने पेंटर सैयद हैदर रजा नहीं रहे

नई दिल्ली डेस्क/जाने-माने पेंटर सैयद हैदर रजा नहीं रहे। वे 94 साल के थे। 60 साल फ्रांस में बिताने के बाद 2011 में ही भारत लौटे थे। 12 साल की उम्र में उन्होंने पेंटिंग सीखी थी। पिछले साल 93 की उम्र तक भी वे हर दिन एक पेंटिंग बनाते थे। एब्स्ट्रैक्ट आर्ट करने वाले रजा अपनी बिंदु शैली के लिए मशहूर थे। 40 साल तक उन्हाेंने इसी शैली पर काम किया। वे कुछ समय से बीमार थे और दिल्ली में इलाज करा रहे थे।
– रजा का जन्म मध्य प्रदेश के मंडला जिले में 22 फरवरी, 1922 को हुआ था।
– उन्होंने एक बार बताया था कि बचपन में वे पढ़ाई में अच्छे नहीं थे। एक बार उनके स्कूल टीचर ने दीवार पर एक ब्लैक डॉट बनाया और रजा से कहा था कि वे जमीन पर बैठकर उसे देखते रहेें।
– रजा अपने शुरुआत के कई साल अलग-अलग शैली पर काम करते रहे लेकिन बाद में जब उन्होंने कुछ नया करना चाहा तो उन्हें स्कूल में मिली सजा की बात याद आई और बिंदु शैली इजाद की।
– बाद में उन्होंने अपनी इस शैली को पंचतत्व से जोड़ दिया और उसमें चटख रंगों का इस्तेमाल करने लगे।
– रजा को 1981 में पद्मश्री और ललित कला अकादमी की रत्न सदस्यता जैसे सम्मान मिले थे।
– 2007 में उन्हें पद्मभूषण और 2013 में भारत का दूसरा सबसे बड़ा नागरिक सम्मान पद्मविभूषण मिला था।
– उनकी ज्यादातर पेंटिंग ऑयल कलर या एक्रेलिक में बनी हैं। उनमें रंगों का इस्तेमाल अधिक हुआ है।
– जून 2010 में उनकी एक पेंटिंग 16.42 करोड़ रुपए में बिकी थी।
– क्रिस्टी ऑक्शन हाउस ने उनकी पेंटिंग ‘सौराष्ट्र’ को खरीदा था।
– इसके बाद वे भारत के सबसे महंगे मॉडर्न आर्टिस्ट्स में से एक बन गए।
– बता दें कि रजा की पहली सोलो एग्जीबिशन 1946 में बॉम्बे आर्ट सोसाइटी में लगी थी। इसमें उन्हें सिल्वर मेडल मिला था।
Exit mobile version