अहमदाबाद डेस्क/ गुजरात आतंकवादी रोधी दस्ते (एटीएस) ने राज्य के मोरबी जिले में 120 किलोग्राम हेरोइन जब्त की है, जिसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत 600 करोड़ रुपये आंकी गई है। इस मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस अधिकारियों ने सोमवार को बताया कि मादक पदार्थ की खेप, आरोपियों को उनके पाकिस्तानी समकक्षों ने भारत-पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय समुद्री सीमा के पास अरब सागर में पहुंचाई थी और उसे एक अफ्रीकी देश पहुंचाया जाना था।
राज्य के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) आशीष भाटिया ने पत्रकारों को बताया कि शुरुआत में इसे गुजरात की देवभूमि द्वारका जिले में सलाया के पास एक तटीय इलाके में छिपाकर रखा गया था और फिर इसे मोरबी के ज़िनज़ुदा गांव लाया गया, जहां से इसे रविवार को जब्त किया गया। डीजीपी ने कहा, ‘‘ खुफिया जानकारी के आधार पर कार्रवाई करते हुए गुजरात एटीएस ने रविवार को गांव में एक निर्माणाधीन मकान में छापा मारा और 120 किलोग्राम हेरोइन बरामद की, जिसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत 600 करोड़ रुपये है। इस मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है।’’
उन्होंने बताया कि पाकिस्तान के निवासी जाहिद बशीर ब्लोच ने यह खेप भेजी थी, जो 2019 में राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) द्वारा जब्त की गई 227 किलोग्राम हेरोइन के मामले में वांछित है। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि जब्त मादक पदार्थ को एक अफ्रीकी देश भेजा जाना था। उन्होंने बताया कि जब्त मादक पदार्थ को, गिरफ्तार किए गए मुख्तार हुसैन और समसुद्दीन हुसैन मियां सैयद को अक्टूबर के आखिरी सप्ताह में समुद्र में सौंपा गया था। इसकी व्यवस्था ब्लोच ने मुख्तार हुसैन के भाई इसा राव के साथ मिलकर की थी।
अधिकारी ने बताया कि संयुक्त अरब अमीरात में इसके वितरण की साजिश रची गई थी, जैसा कि अतीत में भी अधिकतर मामलों में किया गया है। मादक पदार्थ की खेप को भारतीय तस्करों को एक अफ्रीकी देश ले जाने के लिए सौंपा जाना था। पाकिस्तान और ईरान से मादक पदार्थों की तस्करी के लिए आमतौर पर भारतीय तस्करों का इस्तेमाल किया जाता है। उन्होंने कहा, ‘‘ इस मामले में, गुजरात एटीएस द्वारा गिरफ्तार किए गए आरोपियों ने अफ्रीका भेजे जाने वाली खेप को भारत में बेचने की योजना बनाई थी।’’