स्पोर्ट्स डेस्क/ भारतीय फुटबाल टीम अपने इतिहास में पहली बार चीन में कोई फुटबाल मैच खेल रही है। भारत और चीन का यह मैच बेशक दोस्ताना हो लेकिन भारतीय टीम के कप्तान सुनील छेत्री का मानना है कि यह मैच टीम की परीक्षा है। कप्तान का साथ ही मानना है कि चीन एक कड़ा प्रतिद्वंद्वी है और उसके खिलाफ अक्सर मैचों का आयोजन होना चाहिए। चीन की टीम फीफा रैकिंग में भारत से 21 स्थान आगे 76वें स्थान पर है। वो भारत से काफी मजबूत है। भारत अभी तक चीन को फुटबाल के मैदान में मात नहीं दे पाया है।
अखिल भारतीय फुटबाल महासंघ (एआईएफएफ) ने छेत्री के हवाले से लिखा है, “मैं इस बात से खुश हूं कि हम चीन जैसी टीम के साथ खेल रहे हैं। यह अजीब बात है कि हम उनके खिलाफ काफी दिनों के बाद मैदान पर उतरेंगे। हमें उनके खिलाफ लगातार मैच खेलने चाहिए। वह एक अच्छे प्रतिद्वंद्वी हैं और एशिया में हमेशा एक सम्मानित टीम के तौर पर जाने जाते हैं।” चीन के कोच इटली की 2006 फीफा विश्व कप विजेता टीम का हिस्सा रहे मार्सेलो लिप्पी हैं। लिप्पी के मागदर्शन में चीन अपने घर में बेहद खतरनाक हो सकती है। छेत्री का मानना है कि घर में कोई भी टीम खेले वो हमेशा मजबूत होती है।
छेत्री ने कहा, “चीन को छोड़ दीजिए। कोई भी टीम चाहे वो चीन की तरह हो या न हो, घर में हमेशा खतरनाक होती है। चीन एशिया की उन टीमों में से है जो अच्छा कर रही है। उनकी लीग धीरे-धीरे काफी मजबूत हुई है। साथ ही राष्ट्रीय टीम को मार्सेलो जैसे कोच के आने से फायदा हुआ है। हमें अपने आप को परखने के लिए यह सभी चुनौती मिली है। हमने बीते कुछ वर्षों में अच्छा किया है लेकिन यह मैच एशियन कप से पहले हमारी मदद करेगा।”