लखनऊ डेस्क/ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में प्रयागराज कुंभ में मंत्री परिषद की बैठक में प्रदेश के पश्चिम से पूरब को जोड़ने के लिए गंगा एक्सप्रेस-वे बनाए जाने का निर्णय लिया गया है। 600 किमी का यह एक्सप्रेस-वे मेरठ से प्रयागराज को जुड़ेगा। एक्सप्रेस-वे मेरठ से शुरू होकर अमरोहा, बुलंदशहर, बदायूं, शाहजहांपुर, फर्रुखाबाद, हरदोई, कन्नौज, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ एवं प्रयागराज जिलों से यह गुजरेगा।
गंगा एक्सप्रेस-वे कंट्रोल्ड ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे 4-लेन, एक्सपेंडेबल टू 6-लेन का होगा। इसकी लंबाई लगभग 600 किलोमीटर होगी। निर्माण के बाद यह दुनिया का सबसे लंबा एक्सप्रेस-वे भी होगा। इसके लिए 6556 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहण की आवश्यकता होगी। इस परियोजना के आठ आरओबी और 18 फ्लाईओवर्स बनाए जाएंगे। इसके निर्माण पर लगभग करीब 36,000 करोड़ रुपये की लागत आएगी।
योगी सरकार सरकार ने इस एक्सप्रेस-वे को बनाने में लगने वाला समय अभी निर्धारित नहीं किया है, लेकिन सरकार चाहेगी की यह जल्द से जल्द पूरा हो सके। योगी सरकार का यह प्रोजेक्ट पूर्ववर्ती अखिलेश यादव सरकार के लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे और मायावती सरकार के यमुना-एक्सप्रेस-वे से बड़ा और बेहतर बनाने के प्रयास के तौर पर भी देखा जा रहा है।
फिलहाल योगी सरकार बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे और पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर काम कर रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंत्रिपरिषद की बैठक के बाद कहा कि सड़कों के निर्माण से राज्य का विकास होगा। यह एक्सप्रेस-वे उत्तर प्रदेश को पूर्व से पश्चिम तक जोड़ेगा।