लखनऊ डेस्क/ बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने बुधवार को समाजवादी पार्टी पर निशाना साधा है। उन्होंने पार्टी में टूट को नकारते हुए कहा, ” घृणित जोड़तोड़, द्वेष व जातिवाद की संकीर्ण राजनीति में माहिर समाजवादी पार्टी मीडिया के सहारे यह प्रचारित कर रही है कि बसपा के कुछ विधायक टूट कर समाजवादी पार्टी में जा रहे हैं। यह घोर छलावा है।” मायावती ने बुधवार को ट्वीट कर कहा, ” इन विधायको को काफी पहले ही सपा और एक उद्योगपति से मिलीभगत के कारण राज्यसभा के चुनाव में एक दलित के बेटे को हराने के आरोप में बसपा से निलंबित किया जा चुका है। बसपा में टूट की बात एक दम छलावा है।”
मायावती ने लगातार पांच ट्वीट कर सपा को आड़े हाथ लेते हुए कड़ी चेतावनी भी दी। उन्होंने कहा, ” सपा अगर इन निलंबित विधायकों के प्रति थोड़ी भी ईमानदार होती तो अब तक इन्हें अधर में नहीं रखती। उनको यह मालूम है कि बीएसपी के यदि इन विधायकों को लिया तो सपा में बगावत व फूट पड़ेगी, जो बीएसपी में आने को आतुर बैठे हैं।”
बसपा अध्यक्ष मायावती ने कहा, ” ये जगजाहिर है कि सपा का चाल, चरित्र और चेहरा हमेशा ही दलित विरोधी रहा है, जिसमें थोड़ा भी सुधार के लिए वह कतई तैयार नहीं हैं। इसी कारण सपा सरकार में बीएसपी सरकार के जनहित के कामों को बंद किया। खासकर भदोई को नया संत रविदास नगर जिला बनाने को भी बदल डाला गया था, जो अति निंदनीय कदम था।”
बसपा अध्यक्ष मायावती ने अपने आखिरी ट्वीट में फिर दोहराया, ” बीएसपी के निलंबित विधायकों से मिलने आदि का मीडिया में प्रचारित करने के लिए मंगलवार को किया गया सपा का नया नाटक यूपी में पंचायत चुनाव के बाद अध्यक्ष और ब्लाक प्रमुख के चुनाव के लिए की गई पैंतरेबाजी ज्यादा लगती है। यूपी में बीएसपी जन आकांक्षाओं की पार्टी बनकर उभरी है, जो जारी रहेगा।”
ज्ञात हो कि मंगलवार को बसपा में बगावत से सूबे का सियासी माहौल गर्मा दिया। बसपा से निलंबित 11 विधायकों ने एकजुटता दिखाते हुए लालजी वर्मा के नेतृत्व में एक अलग दल बनाने का विचार कर रहे हैं। पांच बागी विधायकों ने कल लखनऊ में सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात की। बसपा में कुल 18 विधायकों में से नौ को पार्टी ने निलंबित और दो को निष्काषित कर दिया गया है।
मंगलवार को विक्रमादित्य स्थित सपा कार्यालय पर अखिलेश यादव से मिलने गए विधायकों की अगुवाई श्रावस्ती के विधायक असलम राईनी ने की। उन्होंने दावा किया कि जल्द ही वे बसपा से हाल ही में निष्कासित किए गए लालजी वर्मा के नेतृत्व में नया दल बनाएंगे। उनके साथ पार्टी के 11 विधायक हैं।