नई दिल्ली डेस्क/ देश भर के सीबीएसई स्कूलों ने अगले महीने बोर्ड परीक्षाओं में शामिल होने वाले लाखों छात्रों का डेटा यानी लिस्ट आफ केंडिडेटस (एलओसी) तैयार कर ली है। देशभर के ऐसे सभी स्कूल जो सीबीएसई से एफिलिएटिड है, उन्हें अपने छात्रों की आधिकारिक एलओसी सीबीएसई के संबंधित पोर्टल पर अपलोड कर दी है।
स्कूलों से यह डेटा मिलने के बाद ही सीबीएसई बोर्ड इस साल नवंबर में शुरू होने वाली पहले बैच की बोर्ड परीक्षाओं की डेट शीट घोषित करेगा। दरअसल सीबीएसई ने मौजूदा शैक्षणिक सत्र के लिए दो चरणों में परीक्षा आयोजित करवाने का निर्णय लिया है। पहले चरण की परीक्षा इसी वर्ष नवंबर-दिसंबर में होनी है। वहीं दूसरे चरण की बोर्ड परीक्षा अगले वर्ष मार्च- अप्रैल में आयोजित की जानी हैं। बोर्ड परीक्षा में देने वाले छात्र अपनी उत्तर पुस्तिकाओं की कॉपी प्राप्त कर सकेंगे। सीबीएसई छात्रों के आवेदन पर यह सुविधा प्रदान करेगी।
बोर्ड ने अभी भी कंपार्टमेंट का रिजल्ट आने के बाद अंकों का सत्यापन करने के लिए उत्तर पुस्तिकाओं की कॉपी हासिल करने का अवसर छात्रों को दिया है। मार्क्स वेरीफिकेशन के लिए छात्र 6 अक्टूबर रात 11 बजकर 59 मिनट तक आवेदन कर सकते हैं। उत्तर पुस्तिकाओं की प्रति के लिए आवेदन 13 अक्टूबर से शुरू किया जाएगा।
सीबीएसई बोर्ड इस बार दो चरणों में बोर्ड परीक्षा तो आयोजित करवा ही रहा है। इसके साथ ही अब सीबीएसई की कक्षा 10वीं और 12वीं का आंतरिक मूल्यांकन और प्रैक्टिकल भी दो भागों में लिया जाएगा। बोर्ड इसके लिए माकिर्ंग स्कीम और शेड्यूल जारी कर रहा है। 10वीं कक्षा के 20 अंकों के आंतरिक मूल्यांकन को दस-दस अंकों में विभाजित किया जाएगा। वहीं 12वीं कक्षा के लिए इसे 15- 15 अंकों के दो हिस्सों में बांटा जा रहा है।
दिल्ली के एक निजी स्कूल की प्रिंसिपल ने कहा कि सीबीएसई द्वारा बोर्ड परीक्षाएं दो चरणों में लिए जाने का फैसला आज की स्थिति को देखते हुए एकदम सही निर्णय है। वहीं परीक्षा देने वाले छात्रों को यदि प्राप्त अंकों को लेकर किसी भी प्रकार की शंका है तो इसके लिए भी सीबीएसई ने उचित प्रावधान किए हैं। इसके अंतर्गत छात्र अपनी उत्तर पुस्तिका की प्रति हासिल कर सकते हैं।
एसकेवी की प्रिसिंपल अलका शर्मा का कहना है कि इस वर्ष आए 12वीं कक्षा के नतीजों में यह सुविधा उपलब्ध नहीं थी। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि इस बार छात्रों के नतीजे परीक्षा के आधार पर न होकर आंतरिक मूल्यांकन, प्रैक्टिकल और शिक्षा मंत्रालय द्वारा गठित कमेटी के विशेष फार्मूले के आधार पर घोषित किया गया है।