नई दिल्ली डेस्क/ राजस्थान विधानसभा चुनाव की गहमागहमी में लगे नेताओं ने वोटरों को लुभाने के लिए जनता के धर्म के बाद अब भगवान की जाति को भी चुनावी मुद्दा बना दिया है। उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री और भाजपा के स्टार प्रचारक योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को अलवर के मालाखेड़ा में हुई चुनावी सभा में हनुमानजी को दलित बताया था।
बुधवार को इस पर राजनीति गरमा गई। राजधानी के संत-महंतों ने भी योगी के इस बयान को गलत बताया। सभी ने हनुमानजी के दलित व वंचित होने से नकार दिया। इनका कहना है कि हनुमानजी ब्राह्मण थे। उनको क्षत्रिय की उपाधि मिली हुई थी। बुधवार को योगी आदित्यनाथ के इस बयान पर कांग्रेस के नेताओं ने कड़ी प्रतिक्रिया दी।
हनुमान जी पर विवादित टिप्पणी करने वाले योगी आदित्यनाथ को सर्व ब्राह्मण समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुरेश मिश्रा ने लीगल नोटिस भेजकर तीन दिन में माफी मांगने को कहा है। योगी के इस बयान पर राजस्थान ब्राह्मण सभा की त्योरियां चढ़ गई हैं। ब्राह्मण सभा ने सीएम योगी पर हनुमान को जातियों में बांटने का आरोप लगाया है। इसी के साथ उन्हें कानूनी नोटिस भी भेजा है। योगी ने अलवर जिले में कांग्रेस पर हमला बोलते हुए दलितों को साधने की कोशिश की थी। लेकिन अब उनका यही बयान दिक्कतें भी खड़ी कर सकता है।