भोपाल डेस्क/ विवादास्पद बयानों के कारण हमेशा चर्चा में रहने वाली मध्यप्रदेश की राजधानी की सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने एक बार फिर एक अटपटा बयान देकर भारतीय जनता पार्टी के लिए मुसीबत बनकर उभरीं है। उन्होंने पार्टी के एक के बाद एक बड़े नेताओं के निधन के पीछे विपक्षी दलों द्वारा मारक शक्ति (तंत्र-मंत्र) का उपयोग किए जाने की आशंका जताई।
मालेगांव बम विस्फोट की आरोपी भाजपा सांसद प्रज्ञा को अभी सक्रिय राजनीति का हिस्सा बने मुश्किल से पांच माह का बीता है, मगर इस अवधि में उनके बयानों ने कई बार विवादों को जन्म दिया है। उनके बयानों पर पार्टी हाईकमान से लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक सार्वजनिक तौर पर अपनी नाराजगी जता चुके हैं, मगर प्रज्ञा विवाद वाले बयान देने से बाज नहीं आ रही हैं।
प्रज्ञा ने अपने शाप को मुंबई एटीएस के प्रमुख रहे हेमंत करकरे के 26/11 के आतंकी हमले में शहीद होने का कारण बताकर लोकसभा चुनाव के समय देशभर की नाराजगी मोल ले ली थी। वही प्रज्ञा भाजपा के बड़े नेताओं के निधन को तंत्र-मंत्र से जोड़कर देख रही हैं। उन्होंने चुनाव के दौरान एक साधु महाराज द्वारा कही गई बात का हवाला देकर कहा, ‘असमय हो रही इन मृत्युओं के पीछे कहीं विपक्षी दलों की मारक शक्तियां (तंत्र-मंत्र) तो नहीं हैं।’
भाजपा सांसद ने यह बयान पूर्व केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली और प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर की श्रद्धांजलि सभा में दिया। प्रज्ञा के इस बयान से श्रद्धांजलि सभा में मौजूद भाजपा के कई वरिष्ठ नेताओं- महासचिव कैलाश विजयवर्गीय, प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह, पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने स्वयं को असहज महसूस किया। यही वजह रही कि शिवराज ने विजयवर्गीय के आग्रह के बाद भी मीडिया के सामने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करने से इनकार कर दिया।