लखनऊ डेस्क/ उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने रविवार को अपने कार्यकाल के चार वर्ष पूरे कर लिए। इस मौके पर उन्होंने कहा कि यह कहना कि कानून व्यवस्था के मुद्दे को लेकर वह वर्तमान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के बीच भेदभाव बरत रहे हैं, पूरी तरह से गलत है। उनके जितने अच्छे संबंध योगी से है, उतने ही अखिलेश से भी। राज्यपाल चार साल पूरे होने पर पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। जब उनसे पूछा गया कि पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने उन पर आरोप लगाया है कि कानून व्यवस्था के मुद्दे पर राज्यपाल अब उतना ‘टीका-टिप्पणी’ नहीं करते, जितना वह उनके कार्यकाल के दौरान करते थे।
नाईक ने कहा, अखिलेश यादव के समय में भी कई मौकों पर उनसे बेहतर की अपेक्षा की गई थी, लेकिन कई मामलों में राज्य सरकार की तरफ से उस तरह की कार्रवाई नहीं की गई, जैसी होनी चाहिए थी। वर्तमान समय में भी लगातार यह कहता रहा हूं कि कानून व्यवस्था में सुधार की गुंजाइश हमेशा बनी हुई है। लेकिन योगी सरकार बेहतर काम कर रही है।
उन्होंने चार साल का अपना कार्यकाल पूरा करने पर 152 पृष्ठ का रिपोर्ट कार्ड किया जारी किया। राज्यपाल ने कहा कि इस सरकार में कानून व्यवस्था की कोई बात होती है तो वह मुख्यमंत्री से बात करते हैं। जैसे, जब जेल में हत्या हुई तो उन्होंने योगी से इस घटना के बारे में जानकारी ली। राज्यपाल ने बताया कि वर्ष 2017-18 के बीच उन्होंने तमाम विषयों पर मुख्यमंत्री योगी को 450 और राष्ट्रपति को 36 पत्र लिखे। उपराष्ट्रपति, केंद्रीय मंत्रियों व अन्य राज्यों के राज्यपालों को 155 पत्र लिखे गए। इस साल उन्होंने राजभवन में 6,724 लोगों से मुलाकात की।
उन्होंने कहा कि इस दौरान 35, 977 लोगों ने पत्र लिखकर अपनी बात कही। जहां तक कार्यक्रमों की बात है, तो उन्होंने लखनऊ से बाहर 109 कार्यक्रमों में भाग लिया। लखनऊ में आयोजित 191 कार्यक्रमों में भाग लिया। राज्यपाल ने कहा कि 808 सिद्धदोष बंदियों की रिहाई की याचिकाओं में उन्होंने 79 कैदियों की रिहाई के निर्देश दिए। विधानमंडल में पारित 42 विधेयकों में से उन्होंने केवल 24 विधेयकों पर अपनी मुहर लगाई, बाकी 18 विधेयक राष्ट्रपति को भेजा है, जिस पर निर्णय राष्ट्रपति लेंगे।