लखनऊ डेस्क/ उत्तर प्रदेश में उच्चस्तर पर हुई कई नियुक्तियों पर सवाल उठे हैं। आरटीआई कार्यकर्ता और वरिष्ठ आईपीएस अमिताभ ठाकुर की पत्नी नूतन ठाकुर का दावा है कि बिना विभागीय सिफारिश लिए ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के स्तर से कई नियुक्तियां कीं गईं हैं। उन्होंने यह दावा कथित आरटीआई अर्जी पर मिले जवाब के आधार पर किया है। समाज कल्याण विभाग में नियुक्तियां मुख्यमंत्री करते रहे हैं। अनुसूचित जाति, वित्त एवं विकास निगम विभाग के अध्यक्ष पद पर नियुक्ति भी सीधे ऊपर से हुई थी। यह तथ्य समाज कल्याण विभाग द्वारा सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. नूतन ठाकुर को आरटीआई के तहत दी गई सूचना से सामने आया है।
नूतन ठाकुर के मुताबिक समाज कल्याण विभाग को इसी साल 17 अप्रैल को उच्चस्तर से आदेश प्राप्त हुआ कि निगम के अध्यक्ष पद पर नियुक्ति संबंधित पत्रावली प्रस्तुत की जाए। जिस पर अनुभाग ने लिखा कि इस विभाग में नियुक्तियां सीधे मुख्यमंत्री करते रहे हैं। 17 अप्रैल को ही प्रमुख सचिव तथा समाज कल्याण मंत्री के स्तर से पत्रावली मुख्यमंत्री को प्रस्तुत की गई, जिस पर बिना किसी विभागीय संस्तुति के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 17 अप्रैल को ही डॉ. लालजी प्रसाद निर्मल को अध्यक्ष नामित करने के आदेश दे दिए।
आरटीआई से यह भी सामने आया है कि मुख्यमंत्री ने 17 अप्रैल को ही बिना किसी प्रक्रिया या विभागीय संस्तुति के विभाग से सीधे पत्रावली मंगवा कर पूर्व आईपीएस अधिकारी बृजलाल को उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति जनजाति आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किया था। इसी तरह 7 अगस्त को विभाग को प्रमुख सचिव मनोज सिंह के जरिये ऊपर से एक सूची मिली, जिसमें 2 उपाध्यक्ष तथा 16 सदस्य सहित 18 लोगों के नाम थे। प्रमुख सचिव ने उसी दिन प्रस्ताव भेजा, जिस पर मंत्री रमापति शास्त्री ने 8 अगस्त को हस्ताक्षर बनाए तथा मुख्यमंत्री ने 10 अगस्त को आदेश कर दिया। डॉ.नूतन के अनुसार, आरटीआई में प्राप्त इन सूचनाओं से शासन के निर्णयों में उच्चस्तरीय राजनैतिक दवाब की बात स्वत: ही सामने आ जाती है।