नई दिल्ली डेस्क / राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने आज आर्ट आफ लिविंग (एओएल) की उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें यमुना की जैव विविधता को नुकसान पहुंचाने के लिए लगाये गए पर्यावरण मुआवजे को 4.75 करोड़ रूपये की शेष भुगतान राशि के बजाए बैंक गारंटी के रूप में स्वीकार करने का आग्रह किया गया था।
हरित पैनल ने ऐसी याचिका दायर करने के लिए श्री श्री रविशंकर के एओएल पर 5000 रूपये का जुर्माना भी लगाया जिसमें ठोस बातों की कमी थी और निर्देश दिया कि शेष राशि का भुगतान एक सप्ताह में किया जाए । एनजीटी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति स्वतंत्र कुमार की पीठ ने अधिकरण को आश्वासन दिये जाने के बावजूद राशि जमा नहीं करने के लिए एओएल फाउंडेशन की खिंचाई की ।
हरित अधिकरण ने नौ मार्च को एओएल द्वारा आयोजित ‘वर्ल्ड कल्चर फेस्टिवल’ पर रोक लगाने से इंकार कर दिया था जो 11 से 13 मार्च के बीच आयोजित किया गया था लेकिन यमुना की जैव विविधता और जलीय जीवन को नुकसान पहुंचाने के लिए फाउंडेशन पर 5 करोड़ रूपये का जुर्माना लगाया था।