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‘चाय पे चर्चा’ के बाद मोदी का नया फार्मूला ‘लंच पे चर्चा’

'चाय पे चर्चा' के बाद मोदी का नया फार्मूला 'लंच पे चर्चा'

नई दिल्ली डेस्क/ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 लोकसभा चुनाव के दौरान ‘चाय पे चर्चा’ का फॉर्मूला निकाला था। इस कार्यक्रम का फायदा बीजेपी को चुनावों में हुआ था। अब इसी तर्ज पर प्रधानमंत्री ने ‘लंच पे चर्चा’ का फॉर्मूला इजाद किया है। पीएम मोदी ने पार्टी के सांसदों को निर्देश दिए हैं कि वह इस कार्यक्रम के तहत जनता को बजट की योजनाओं के बारे में बताएं। भारतीय जनता पार्टी की संसदीय समिति की बैठक में प्रधानमंत्री ने सांसदों से कहा कि जनता के बीच में जाएं। उन्हें बजट की योजनाओं के बारे में बताएं। उन्होंने कहा कि ग्रामीण अंचलों में लोगों को ज्यादा जागरूक करने की जरूरत है।

प्रधानमंत्री ने मीटिंग के दौरान कहा कि यह बजट मध्यमवर्गीय परिवार और किसानों को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है। इसलिए जरूरी है कि जनता तक यह संदेश भी पहुंचे, जनता जितनी जागरूक होगी, योजनाओं का उतना ही फायदा ले पाएगी। बैठक के दौरान प्रधानमंत्री ने अपनी वाराणसी यात्रा का जिक्र किया। उन्होंने बताया अपने संसदीय इलाके में पार्टी के कार्यकर्ताओं के साथ टिफिन लेकर गए थे और चर्चा की थी। इसी तरह सांसदों को अपने-अपने इलाकों में जाएं और याद रखें कि वह अपना टिफिन साथ लेकर जाएं। जनता के साथ बैठकर उनकी समस्याएं सुनें और बजट की योजनाओं के बारे में उन्हें बताएं।

सांसदों को आगाह करने के लिए प्रधानमंत्री ने एक कहानी भी सुनाई। उन्होंने कहा कि गांव का एक व्यक्ति नौ दिनों तक पंडित से कथा सुनता रहा। दसवें दिन भंडारे पर गांव वालों को बुलाया और सभी लोग खा पीकर चले गए। इसके जरिये पीएम ने सांसदों को उपलब्धियों-कामकाज की नियोजित तरीके से लोगों को जानकारी देने का संदेश दिया।

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