इस्लामाबाद डेस्क/ पाकिस्तान ने भारत के लाहौर हमले में शामिल ना होने के दावे को ख़ारिज कर दिया है। पाकिस्तान ने एक बार फिर कहा है कि 23 जून को लाहौर में हुई ‘आतंकवादी घटना’ के पीछे भारत का हाथ था। पाकिस्तान सरकार ने दावा किया है कि इस घटना को अंजाम देने के लिए भारत ने ही सहायता पहुँचाई, इसके लिए भारत ने पैसा भी दिया और इसके पुख्ता सबूत उनके पास हैं। कल यानी गुरुवार को भारत सरकार ने पाकिस्तान के आरोपों का क़रीब चार दिन बाद जवाब दिया था।
भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने गुरुवार को कहा कि पाकिस्तान के लिए भारत के ख़िलाफ़ आधारहीन दुष्प्रचार में संलिप्त होना कोई नयी बात नहीं है। पाकिस्तान अगर अपने यहाँ हालात ठीक करने में इतनी ही मेहनत करे और आतंकवाद के ख़िलाफ़ मज़बूत क़दम उठाये तो उसे इसका ज़्यादा फ़ायदा होगा।
लेकिन पाकिस्तान सरकार ने इसपर अपनी प्रतिक्रिया दी है। पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता जाहिद हाफ़िज़ चौधरी ने कहा है कि हम पहले भी इस ओर इशारा कर चुके हैं कि भारत पाकिस्तान में आतंकवाद को प्रायोजित करता है। इसमें कोई संदेह नहीं है कि सीमा-पार की ख़ुफ़िया एजेंसी पाकिस्तान के ख़िलाफ़ आतंकी हमलों की योजना बनाने और उन्हें अंजाम देने में शामिल रही है।
चौधरी ने कहा, “कमांडर कुलभूषण जाधव जिन्हें मार्च 2016 में रंगे हाथों पकड़ा गया था, पाकिस्तान के ख़िलाफ़ भारत के राज्य-प्रायोजित आतंकवाद का सबसे जाना-पहचाना और निर्विवाद चेहरा हैं। ” उन्होंने कहा कि भारत द्वारा प्रायोजित ये नीतिगत आतंकवाद उन्हें अंतरराष्ट्रीय क़ानूनों और संयुक्त राष्ट्र की प्रतिबंध व्यवस्था के तहत दोषी बनाता है।
उन्होंने कहा कि यह वैश्विक समुदाय की सामूहिक ज़िम्मेदारी है कि वो भारत को जवाबदेह ठहराये और पाकिस्तान के ख़िलाफ़ आतंकवाद के संरक्षण में शामिल भारतीय नागरिकों के ख़िलाफ़ कार्रवाई करने के लिए व्यावहारिक क़दम उठाये। चौधरी ने इस बात पर ज़ोर दिया कि आतंकवाद के ख़िलाफ़ लड़ाई में पाकिस्तान को भारत सरकार के अनुमोदन की ज़रूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ख़ुद अल-क़ायदा और उसके सहयोगी संगठनों द्वारा किये गए आतंकवाद का शिकार रहा है और आतंकवाद से लड़ने में पाकिस्तान के बलिदान और उसकी उपलब्धियों को दुनिया ने सराहा है।