सिंगापुर डेस्क/ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पाकिस्तान पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए अमेरिकी उप राष्ट्रपति माइक पेंस से कहा कि विश्व भर में हुए आतंकवादी हमलों के सभी सुराग ‘एक ही सूत्र और एक ही स्थान से उपजे होने ’की ओर इशारा करते हैं। मोदी ने यहां ईस्ट एशिया समिट से इतर पेंस से आपसी हितों वाले अनेक द्विपक्षीय तथा वैश्विक मुद्दों पर चर्चा की । साथ ही पाकिस्तान में हाल ही में आयोजित चुनावों में आतंकवादियों के चुनाव लड़ने पर भी चिंता जताई।
दोनों नेताओं के बीच मुलाकात के बाद विदेश सचिव विजय गोखले ने बताया कि आंतकवाद के मुद्दे पर भी चर्चा हुई। गोखले ने बताया की बातचीत के दौरान पेंस ने 26 नवम्बर को मुंबई आतंकवादी हमले के 10 वर्ष पूरा होने का जिक्र किया और आंतकवाद को शिकस्त देने के लिए दोनों पक्षों के बीच सहयोग की सराहना की। मोदी ने सहानुभूति जताने के लिए पेंस का आभार जताया, साथ ही किसी भी देश अथवा संगठन का नाम लिए बिना कहा कि विश्व भर में हुए आतंकवादी हमलों के सभी सुराग किसी न किसी प्रकार से ‘एक ही सूत्र और एक ही स्थान से उपजे होने ’की ओर इशारा करते हैं। उनका इशारा परोक्ष रूप से पाकिस्तान की ओर था।
गौरतल है कि विश्व भर में हुए आतंकवादी हमलों में बड़ी संख्या में पाकिस्तानी मूल के लोगों का हाथ होने की बात सामने आई है। कैलिफोर्निया के सैन बर्नार्डिनों में दो दिसंबर 2015 को पाकिस्तानी मूल के व्यक्ति की गोलीबारी में 14 लोग मारे गए थे। वहीं जून 2017 में लंदन में चाकू से हमला करने वाले तीन आतंकवादियों में से एक पाकिस्तानी मूल का था।इस हमले में सात लोग मारे गए थे और 49 लोग जख्मी हो गए थे।
मोदी ने मुंबई आतंकवादी हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद की पार्टी के पाकिस्तान में 25 जुलाई को चुनाव लड़ने पर भी चिंता जताई। गोखले ने बताया, ‘‘उन्होंने (मोदी) कहा कि मुंबई हमले में शामिल लोगों को पाकिस्तान में हाल ही में हुए चुनाव में एक राजनीतिक प्रक्रिया में मुख्यधारा में लाना केवल दो देशों भारत और अमेरिका के लिए ही नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए गंभीर चिंता का कारण होना चाहिए।’’
गौरतलब है कि पाकिस्तान में हाल ही में हुए चुनाव में कुछ खुंखार आतंकवादी सरगना भी खडे़ हुए थे। विदेश सचिव ने कहा, ‘‘दोनों देशों के बीच इस बात पर अच्छी सहमति बनी है कि आंतकवाद निरोधक सहयोग को किस प्रकार से आगे बढ़ाया जाए साथ ही दोनों देशों ने स्वीकार किया है कि यह एक चुनौती है जिसके खिलाफ हमें एक साथ तथा अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ मिल कर लड़ना है।’’