TIL Desk मुम्बई/ स्कूली बच्चों के लिए सामान खरीदने से जुड़े लगभग 206 करोड़ रूपए के ठेकों में कथित अनियमितता के मामले में भ्रष्टाचार रोधी ब्यूरो ने महाराष्ट्र की महिला एवं बाल कल्याण मंत्री पंकजा मुंडे को क्लीन चिट दे दी है। एसीबी के एक अधिकारी ने आज कहा, ‘एसीबी ने मामला बंद कर दिया है। उनके खिलाफ लगे आरोपों में कुछ भी ठोस नहीं था।’ उन्होंने कहा कि एसीबी के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त केशव पाटिल ने एमपीसीसी के प्रवक्ता सचिन सावंत को एक पत्र लिखकर कांग्रेस के नेता को सूचित किया था कि पंकजा के खिलाफ लगे आरोपों में कुछ भी ‘सच’ नहीं पाया गया।
सावंत ने पिछले एसीबी में शिकायत दर्ज कराकर पंकजा के खिलाफ लगे आरोपों की जांच की मांग की थी। उन्होंने इन आरोपों का कथित तौर पर समर्थन करने वाले दस्तावेज भी जमा कराए थे। पंकजा पर आरोप था कि उन्होंने स्कूली बच्चों के लिए ‘चिक्की’ (खाद्य पदार्थ), चटाइयों, नोटबुक, वाटर फिल्टर आदि सामान की आपूर्ति के ठेके देने में प्रक्रियाओं का उल्लंघन किया। पंकजा ने पूर्व में इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा था कि वह किसी भी जांच के लिए तैयार हैं।
दिवंगत केंद्रीय मंत्री गोपीनाथ मुंडे की बेटी पंकजा ने कहा था, ‘यह शब्दों का घोटाला है। मेरे खिलाफ लगे आरोप राजनीतिक रूप से प्रेरित हैं।’ उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में पूर्व में रही कांग्रेस-राकांपा की सरकार ने यही सामान 408 करोड़ रूपए में खरीदा था। उन्होंने कहा था, ‘आप उसे एक ‘खरीद’ कहते हैं और हमारी खरीद को ‘घोटाला’ कहते हैं।’ पंकजा ने कहा था कि यह सामान पिछली सरकार ने ऊँची कीमत पर खरीदा था। उन्होंने कहा था कि उनके खिलाफ लगे आरोप आधारहीन हैं। सावंत ने कहा था, ‘क्लीन चिटें देना मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की आदत है और उन्होंने कहा है कि प्रथम दृष्ट्या उन्हें कुछ भी गड़बड़ी नहीं मिली। इसलिए हमने एसीबी के समक्ष वे सभी दस्तावेज जमा करा दिए हैं, जो हमारे पास साक्ष्य के रूप में मौजूद थे।’