TIL Desk लखनऊ:👉राष्ट्रीय किसान मंच उत्तर प्रदेश में किसानों को एकजुट करने / विस्तार के दृष्टिकोण से 27 ज़िलों के नये ज़िला अध्यक्षों की नियुक्ति की जा रही है ,आने वाले समय में उत्तर प्रदेश में उपचुनाव हैं किसानों के पास अपने फसल मूल्य की गारंटी का कोई भी सरकारी आदेश नहीं आज तक केन्द्र सरकार से प्राप्त हुआ ,किसान या तो खेती छोड़ने पर मजबूर हैं या तो कोई विकल्प न मिलने पर आत्महत्या को मजबूर हो रहा है।
राष्ट्रीय किसान मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष, पं० शेखर दीक्षित ने कहा,” सरकार इन विषयों पर सोचने को तैयार नहीं उसको लागत है जाति धर्म और आपसी विद्वेष से अगर सत्ता हासिल की जा सकती है तो उससे बेहतर कोई विकल्प नहीं इसलिए राष्ट्रीय किसान मंच लगातार प्रयास करता आ रहा है की किसान इनको ये संदेश देने में कामयाब हो कि हम तुम्हारी सत्ता का एक विशाल अंग है और जिस सत्ता से हमको हमारे अधिकारों से वंचित रखा है उसको हम छीन भी सकते हैं उत्तर प्रदेश के उपचुनाव की सभी सीटों में हम किसानों को जगायेंगे मंच अपने प्रतिनिधि भेजेगा और वहाँ के किसान संगठनों को भी एकजुट करेंगे और पुनः प्रयास करेंगे कि किसान अपने मुद्दों की बात करने वालों के साथ खड़ा हो । क्योंकि उसका परिवार देश की ज़मीन देशवासी इसी किसानी पर निर्भर है उद्योगपतियों पर नहीं बिना किसानों के न कोई व्यापार चलेगा न देश सभी लोग किसान एकता में एकजुट हो इसके लिए हमारे सभी साथी काम करेंगे |
उत्तर प्रदेश के नए मनोनीत जिलाअध्यक्ष इस प्रकार है:- प्रशांत तिवारी, प्रयागराज, दिलीप यादव, जौनपुर, सोनू पांडेय, प्रतापगढ़, संतोष पासवान, कानपुर, शम्मी सिद्दीख़ी, कानपुर (देहात), जितेंद्र शर्मा, रायबरेली, सरोज कुमार बाराबंकी, वीरेंद्र यादव, गोण्डा, परविंद्र कुमार पाठक, श्रावस्ती, राम सुमेर, बहराइच समेत पूरे 27 ज़िलों के नये ज़िला अध्यक्षों की नियुक्ति की गई है |