State, Uttar Pradesh, हिंदी न्यूज़

कुंभनगरी प्रयागराज के गंगा और यमुना के घाटों का कायाकल्प कर रही है योगी सरकार

कुंभनगरी प्रयागराज के गंगा और यमुना के घाटों का कायाकल्प कर रही है योगी सरकार

11 करोड़ से अधिक की लागत से शहर के सात घाटों को दिया जा रहा है नव्य स्वरूप

घाटों पर छतरी, प्रकाश व्यवस्था, पेयजल व्यवस्था और पर्यटकों के बैठने की उचित व्यवस्था की जा रही

TIL Desk प्रयागराज:👉योगी सरकार बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी की तर्ज पर कुंभ नगरी प्रयागराज के घाटों का पुनरुद्धार करा रही है। इसके तहत गंगा और यमुना नदी के सात घाटों को नव्य स्वरूप दिया जा रहा है। इसका लगभग पचास प्रतिशत काम पूरा हो गया है। जानकारों की मानें तो इन घाटों के सौंदर्यीकरण का काम महाकुंभ से पहले पूरा कर लिया जाएगा। वहीं घाटों पर पर्यटकों की सहूलियत की अन्य व्यवस्था पर भी फोकस किया जा रहा है ताकि वह यहां पर अपना समय व्यतीत कर सकें।

11 करोड़ से अधिक की लागत से हो रहा है घाटों का पुनरुद्धार:

महाकुंभ आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों की गतिविधियों का प्रमुख केंद्र गंगा और यमुना के घाट होते हैं। वह इन घाटाें पर गंगा और यमुना की पावन धारा में डुबकी लगाते हैं। ऐसे में योगी सरकार इन घाटों का कायाकल्प कर रही है। जल निगम के कंस्ट्रक्शन एंड डिजाइन डिवीजन की तरफ से गंगा और यमुना नदी के इन सात घाटों को नव्य स्वरूप प्रदान किया जा रहा है। कार्यदायी संस्था के प्रोजेक्ट मैनेजर रोहित कुमार राणा ने बताया कि 11.01 करोड़ की लागत से घाटों का कायाकल्प किया जा रहा है। अब तक प्रोजेक्ट का लगभग पचास फीसदी कार्य पूरा हो चुका है। उन्होंने बताया कि बाढ़ का पानी कम होने के बाद काम में और गति आएगी।

इन घाटों का हो रहा है कायाकल्प:

गंगा और यमुना नदी के जिन 7 घाटों का कायाकल्प किया जा रहा है, उनमें बलुआ घाट, कालीघाट, रसूलाबाद घाट, छतनाग घाट झूंसी, नागेश्वर घाट झूंसी, मौजगिरी घाट और पुराना अरैल घाट शामिल हैं। इन घाटों में मौजगिरी घाट का 40 फ़ीसदी, नागेश्वर घाट का 35 फ़ीसदी, छतनाग घाट का 30 फ़ीसदी, रसूलाबाद घाट का 35 फीसदी, बलुआ घाट का 35 फीसदी, पुराना अरैल घाट का 40 फ़ीसदी और कालीघाट का 50 फीसदी कार्य पूरा हो चुका है। बताया जा रहा है कि नवंबर के पहले सभी घाटों का सौंदर्यीकरण और सुविधा विस्तार का कार्य पूरा कर लिया जाएगा। बता दें कि कुंभ मेला प्रशासन की प्राथमिकता महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों को उच्च दर्जे की सुविधा प्रदान करना है। ऐसे में घाटों का आधुनिकीकरण और सौंदर्यीकरण किया जा रहा है। वहीं इन सुदंर और स्वच्छ बनाने के लिए हरित पट्टी को भी विकसित किया जा रहा है। इन घाटों पर छतरी, हाईमास्ट, पेयजल आदि की व्यवस्था की जा रही है। वहीं स्वच्छ पानी के लिए आरओ को लगाया गया है जबकि सचल टॉयलेट और चेंजिंग रूम की भी व्यवस्था की गयी है। इसी तरह बैठने के लिए बेंच की भी व्यवस्था की जा रही है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *