फरीदाबाद
अंतर्राष्ट्रीय सूरजकुंड मेला प्रांगण में इस बार थीम स्टेट उड़ीसा और मध्य प्रदेश के हस्तशिल्पी अपना नायाब क्राफ्ट लेकर आए हुए हैं। जिन्हें दर्शक जहां पसंद कर रहे हैं, वहां जमकर खरीद भी रहे हैं। ताड़ के पत्तों पर उकेरी गई उड़ीसा की पट चित्रकला सभी दर्शकों को आकर्षित कर रही है। उड़ीसा से इस कला को लेकर आए क्राफ्टमैन नरेश साहू ने बताया कि यह कला लगभग 200 वर्ष पुरानी है और धार्मिक थीम के ऊपर ताड़ के पत्तों पर सुई के माध्यम से चित्रकारी की जाती है जिसे पट चित्रकला कहते हैं। वहीं मेला दर्शक भी जहां खूब पसंद कर रहे हैं, खरीद भी रहे हैं । उनके स्टाल पर 50 रुपए से लेकर 2 लाख 20 हजार रुपए कीमत की पेंटिंग उपलब्ध है।
जानें कैसी बनाई जाती है यह चित्रकला
नरेश साहू ने बताया कि इस चित्रकला को बनाने के लिए पहले सूती कपड़े के ऊपर ताड़ के पत्तों को पेस्ट किया जाता है और फिर सुई से नक्काशी करके पट चित्रकला का निर्माण किया जाता है। उन्होंने बताया कि सभी पेंटिंग धार्मिक थीम के ऊपर बनाई जाती हैं। उन्होंने बताया कि इस बार वह मेले में रामायण थीम की चित्रकला लेकर आए हैं, जिसमें पूरी रामायण का वर्णन है और इसकी कीमत 2 लाख 20 हजार रुपए है। नरेश सामने बताया कि वह पिछले 15 साल से इस मेले में आ रहे हैं और उन्हें अब तक काला मणि और कलाश्री जैसे अवार्ड मिल चुके हैं। उनके परिवार के जहां आठ लोग इस पुश्तैनी कला से जुड़े हुए हैं, उनके गांव के करीब साढे 500 लोग इस कला के साथ लगे हुए हैं। उनका कहना था कि सूरजकुंड मेले में उन्हें बहुत अच्छा रिस्पांस मिलता है जिसके लिए वह हरियाणा सरकार का धन्यवाद करते हैं।
नोएडा से आई एक महिला दर्शक ने बताया कि उड़ीसा की पट चित्रकला बहुत ही खूबसूरत है और वह उड़ीसा में भी जा चुकी है। उन्होंने यह कला देखी थी और इस वक्त उनके घर में इस कला से संबंधित तीन पेंटिंग लगी हुई है और अब यहां भी वह इस पट चित्रकला पेंटिंग को खरीदने आई है। उन्होंने कहा कि यह एक नया आर्ट है। अन्य मेल दर्शकों ने भी कहा कि जहां देश-विदेश के हस्तशिल्पियों की कला देखने को मिल रही है और मेले के प्रबंधन और मेला बहुत ही खूबसूरत है।