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भारत के लिए मील का पत्थर साबित हो सकता है, ‘Made in India’ चिपसेट: केंद्रीय मंत्री वैष्णव

नई दिल्ली

भारत की पहली मेड इन इंडिया चिप जल्द दस्तक दे सकती है। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि देश की पहली 'Made in India' चिपसेट इस साल रोलआउट की जाएगी। यह भारत के लिए मील का पत्थर साबित हो सकता है। दरअसल अभी तक चिप मैन्युफैक्चरिंग में चीन, अमरेरिका, वियतनाम और जापान जैसे देशों का कब्जा रहा है। लेकिन अब भारत भी इस चिपसेट मैन्युफैक्चरिंग वाले देशों के क्लब को ज्वाइन कर रहा है। मंत्री का कहना है कि अब हम नेक्स्ट फेज की तरफ देख रहे हैं, जहां हम इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरर, मैटेरियल मैन्युफैक्चरर और डिजाइन को इंडिया में तेजी से ला रहे हैं।

सरकार एआई के लिए स्टेकहोल्डर से कर रही बातचीत
वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम में मंत्री ने कहा कि इंडिया के सेमीकंडक्टर प्रोग्राम में इंडस्ट्री स्टेकहोल्डर ने काफी अच्छा रेस्पांस दिखाया है। उन्होंने माना कि उन्न्त किस्म के चिप बनाना आसान नहीं है। इसके लिए बड़े बदलाव की जरूरत है। हालांकि उन्होंने भरोसा दिलाया कि भारत इसे आसानी से हासिल करने की क्षमता रखता है। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने यह भी कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की काफी डिमांड है। ऐसे में इस ओर भी देश काम कर रहा है।

एआई के लिए रेगुलेशन के साथ इनोवेशन जरूरी
वैष्णव ने कहा कि AI के बारे में कहा कि सरकार सभी स्टेकहोल्डर के साथ बातचीत कर रही है, जिससे सही रेगुलेटरी फ्रेमवर्क से मिल सके और इनोवेशन और रेगुलेशन के बीच तालमेल बिठाया जा सके। उन्होंने कहा कि AI का इस्तेमाल कुछ सबसे जटिल प्रॉब्लम को सॉल्व करने में किया जा सकता है, जैसे कि हेल्थकेयर, वेदर, लॉजिस्टिक और डिजाइन शामिल हैं।

कौन है दुनिया के टॉप एआई देश
ग्लोबल वाइब्रेंसी रैंकिंग 2023 के मुताबिक अगर टॉप 10 एआई देशों की बात करें, तो इसमें अमेरिका, चीन, यूके, भारत, यूएई, फ्रांस, दक्षिण कोरिया, जर्मनी, जापान और सिंगापुर का नाम सामने आता है। एआई को लेकर चीन और अमेरिका के बीच रेस लगी है। हालांकि सवाल उठता है कि किस देश के पास एआई की सबसे उन्न्त किस्ट की टेक्नोलॉजी है, तो उसमें अमेरिका का नाम सामने आता है।

एआई में अमेरिका सबसे आगे
अमेरिका का एआई के मामले में सबसे ज्यादा अंक मिले हैं। स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी की मानें, तो जब रिसर्च पेपर, इन्वेस्टमेंट और पेटेंट जैसे मुद्दों की बात आती है, तो उसमें अमेरिका टॉप पर है। ग्लोबल वाइब्रेंसी टूल के अनुसार, अमेरिका चीन के मुकाबले में काफी आगे है।

अगले 10 माह में बनेगा तैयार होगा भारत का एआई मॉडल
केंद्रीय अश्विनी ने कुछ दिनों पहले ऐलान किया था कि भारत खुद का एआई मॉडल बनाएगा, जो अगले 10 माह में बनकर तैयार हो जाएगा। बता दें कि अमेरिका और चीन की तरह भारत भी एआई रेस में एंट्री ले चुका है। भारत डीपसीक जैसा एआई टूल बनाएगा। यह एक सस्ता एआई मॉजल हो सकता है। क्योंकि DRDO का मानना है कि डीपसीक जैसा एआई टूल बनाने के लिए बिलियन डॉलर की जरूरत नहीं है। बता दें कि चीन ने बेहद कम कीमत में डीपसीक बनाकर अमेरिका को बड़ी चुनौती दी है। साथ ही इसे फ्री में यूज करने के लिए उपलब्ध करा दिया है।

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