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बांग्लादेश में शेख हसीना की सत्ता को उखाड़ फेंकने वाला छात्र समूह को अब यूनुस पर भी नहीं भरोसा?

ढाका
बांग्लादेश में शेख हसीना की सत्ता को उखाड़ फेंकने वाला छात्र समूह अब नई राजनैतिक पार्टी लॉन्च करने की तैयारी में है। सूत्रों के मुताबिक अंतरिम सरकार में शामिल छात्र नेता नाहिद इस्लाम इस पार्टी में संयोजक की भूमिका निभा सकते हैं। अगस्त 2024 में बांग्लादेश की तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना को सत्ता से उखाड़ फेंकने वाले छात्र समूह अब नई राजनैतिक पार्टी बनाने की तैयारी में हैं। आंदोलन से हसीना की सत्ता को खत्म करने वाले छात्र समूहों ने ही अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार के रूप में नोबेल विजेता मुहम्मद यूनुस की पैरवी की थी। लेकिन नई राजनैतिक पार्टी में उनकी कोई भूमिका होगी या नहीं इसके ऊपर कोई चर्चा नहीं है। हालांकि यूनुस पहले ही कह चुके हैं कि उनकी राजनीति में आने की कोई योजना नहीं है।

बांग्लादेशी छात्र समूह ने स्टूडेंट अगेंस्ट डिस्क्रिमिनेशन ने शेख हसीना के खिलाफ आंदोलन का नेतृत्व किया था। इसके प्रमुख नेता नाहिद इस्लाम वर्तमान में अंतरिम सरकार में शामिल हैं। लेकिन जल्दी ही इनके नई पार्टी में संयोजक के तौर पर जुड़ने की बात की जा रही है। इस पूरे घटनाक्रम पर नजर रखने वाले दो सूत्रों के मुताबिक छात्र समूह बुधवार को एक कार्यक्रम के दौरान नई पार्टी लॉन्च कर सकता है।

हसीना की सत्ता जाने के बाद बांग्लादेश में नए चुनाव को लेकर लगातार संशय बना हुआ है। अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार यूनुस का कहना है कि देश में 2025 के अंत तक चुनाव होने की संभावना है। कई राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि युवा छात्र नेताओं द्वारा बनाई गई पार्टी देश के राजनीतिक परिदृश्य को बदल सकती है।
बांग्लादेश के राजनैतिक गलियारों ने इस नई पार्टी की चर्चा जोरों पर है। लेकिन यूनुस के कार्यालय ने या नाहिद इस्लाम ने नई राजनैतिक पार्टी को लॉन्च करने के मुद्दे पर कोई भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है।

इससे पहले आरक्षण के मुद्दे को लेकर शुरू हुए छात्रों के प्रदर्शन ने पड़ोसी राज्य में इतना उग्र रूप लिया की एक दशक से ज्यादा समय तक सत्ता में रहने वाली शेख हसीना को बांग्लादेश छोड़कर भागना पड़ा। प्रदर्शनकारी उनके प्रधानमंत्री आवास में घुस गए और जमकर तोड़फोड़ की। इस प्रदर्शन के बाद बांग्लादेश में राजनैतिक अशांति फैल गई। अभी तक यह देश इस समस्या से जूझ रहा है। इन घटनाओं में अभी तक एक हजार से ज्यादा लोग अपनी जान गंवा चुके हैं।

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