World

सिंधु समझौता तोड़ने से कैसी हो गई है पाकिस्तान की हालत, US जाकर गिड़गिड़ाए

इस्लामाबाद 
भारत की कॉपी कर प्रतिनिधिमंडल भेज पाकिस्तान भी सफाई दे रहा है। इस दौरान पाकिस्तानी दल अमेरिका भी पहुंचा, जहां उसने सिंधु जल समझौते को स्थगित करने को लेकर भारत सरकार को घेरने की कोशिश की। पाकिस्तान का कहना है कि यह जल मुल्क के अस्तित्व से जुड़ा हुआ है। पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद भारत ने समझौता रद्द कर दिया था। पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी के नेतृत्व में देश का एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल भारत के साथ हाल में हुए सैन्य संघर्ष को लेकर न्यूयॉर्क में राजनयिक बैठकों के बाद ब्रिटेन पहुंचा है। एक खबर में यह दावा किया गया।

खबर के अनुसार, नौ सदस्यीय समूह ने रविवार को संयुक्त राष्ट्र के प्रतिनिधियों, सदस्य देशों के राजनयिकों और वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारियों के साथ वार्ता की, जिसमें पहलगाम आतंकी हमले के बाद संघर्ष पर पाकिस्तान का पक्ष पेश किया गया। पहलगाम हमले में 26 लोगों की जान चली गई थी जिसके जवाब में भारत ने पाकिस्तान और उसके कब्जे वाले कश्मीर में आतंकी ढांचों को निशाना बनाया। इसके बाद इस्लामाबाद ने सैन्य कार्रवाई की जिससे दोनों देशों की सेनाओं के बीच संघर्ष हुआ।

प्रतिनिधिमंडल के सदस्य पूर्व विदेश सचिव जलील अब्बास जिलानी ने यहां कहा, 'हमारा संदेश स्पष्ट था – पाकिस्तान शांति चाहता है।' जिलानी ने कहा कि इस्लामाबाद सिंधु जल संधि सहित सभी मुद्दों का समाधान बातचीत के जरिए करना चाहता है। मीडियाकर्मियों से बात करते हुए, सांसद खुर्रम दस्तगीर ने जल विवाद के क्षेत्रीय प्रभाव पर प्रकाश डाला और 1960 की विश्व बैंक की मध्यस्थता वाली संधि को बहाल करने का आह्वान किया, जिसके बारे में भारत ने कहा कि यह तब तक स्थगित रहेगी जब तक कि इस्लामाबाद सीमा पार आतंकवाद को अपना समर्थन देना बंद नहीं कर देता।

उन्होंने कहा, 'हमने अमेरिकी अधिकारियों को समझाया कि भारत द्वारा संधि को निलंबित करने से 24 करोड़ लोगों की आजीविका खतरे में पड़ गई है और क्षेत्र की स्थिरता कमजोर हो गई है।' दस्तगीर ने इस बात पर जोर दिया कि जल विवाद पाकिस्तान के अस्तित्व का मामला है और देश इस पर समझौता नहीं करेगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *