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दिल्ली में पैदा हुई उर्दू को नफासत नज़ाकत और चाशनी के लिये लखनऊ आना पड़ा: एस एन लाल

दिल्ली में पैदा हुई उर्दू को नफासत नज़ाकत और चाशनी के लिये लखनऊ आना पड़ा: एस एन लाल
  • दो दिवसीय हिंदी-उर्दू कॉनक्लेव ”जश्न 2025” का समापन
  • उर्दू अवार्ड से सम्मानित हुई विभिन्न हस्तियां
  • हिंदुस्तान की जनता में कूट कूट कर भरी है ख़िदमत ऐ ख़ल्क़ की भावना: अब्दुल वहीद

TIL Desk लखनऊ:👉दिल्ली में पैदा हुई उर्दू को नफासत नज़ाकत और चाशनी के लखनऊ आना पड़ा…ये बात शुक्रवार को विभूति खंड गोमती नगर स्थित उर्दू अकादमी के ऑडिटोरियम में दो दिवसीय हिंदी उर्दू कॉनक्लेव ”जश्न 2025” का समापन दौरान कही गई। फखरूद्दीन अली अहमद मेमोरियल कमेटी की ओर से आयोजित कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि सदस्य विधान परिषद इंजी. अवनीश कुमार सिंह ने दीप जलाकर किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि आपकी भाषा ही आप के व्यक्तित्व का परिचय कराती है।

हिंदी-उर्दू कॉनक्लेव के पहले सत्र तालीम, शिक्षा के अंतर्गत कियारा खन्ना के संयोजन में डॉ अजीज़ खान, प्रो डॉ फरज़ाना मेहंदी, डॉ एस एम कामिल रिज़वी, पूनम मालवीय ने कहा कि आज कल लोग अंग्रेजी के चक्कर मे अपनी जुबान को भूलते जा रहे है। वामिक खान के संयोजन में चले ड्रामा,नाटक विषय में दीप सच्चर, काजल इसरानी, सीमा मोदी, इमरान खान ने आधुनिक दौर के नाटकों में भाषा के योगदान पर चर्चा की। मनीषा पाण्डेय के संयोजन में तहज़ीब, संस्कृति टॉपिक पर कोमल महेंद्रु, असमा हुसैन, डॉ एस एन लाल,आज़म खान ने अपने विचार रखे। कार्यक्रम के अगले प्रसून में शिखा अरोरा के सयोजन में नौजवान विषय पर बोलते हुये वक्ताओं ने कहा कि आज का नौजवान दैनिक बोलचाल में अपनी देशी भाषा का प्रयोग ज्यादा करता है।

इस सत्र में प्रभाती पांडेय,तनिष्का शर्मा,वैष्णवी दुबे ने अपना पक्ष रखा। कार्यक्रम के अंतिम विषय समाज़ सेवा, ख़िदमत ऐ ख़ल्क़ मुद्दे पर सोनिया पाहवा के संयोजन में मुर्तज़ा अली, अब्दुल वहीद, शिखा सिंह, शाहिद सिद्दीकी ने अपने विचार व्यक्त करते हुये बताया कि समाजसेवा के कार्य करने के दौरान आप की भाषा उस कार्य को जीवन्त कर देती है।इस अवसर पर श्री वहीद ने कहा कि हर जरूरतमंद के काम आना,लोगो के दिलों को जोड़ना और आप में एकता को बढ़ावा देना भी ख़िदमत ऐ ख़ल्क़ है।हिंदुस्तान की जनता में कूट कूट कर भरी है ख़िदमत ऐ ख़ल्क़ की भावना।

उर्दू के क्षेत्र में अपना विशेष योगदान देने वाले इमरान कुरैशी, परवेज़ अख्तर, अजीज़ सिद्दीकी, डॉ एस एन लाल,एस एन रईस, कमाल अहमद, अम्मार अनीश नागरानी, आरिफ़ मुकीम, सूफियाना वेग, आरिफ खान, मो तौहीद खान, डॉ संजय श्रीवास्तव आदि को मुख्य अतिथि एम एल सी इंजी.अवनीश कुमार सिंह ने उर्दू अवार्ड देकर सम्मानित किया गया। देर शाम को दास्तानगोई को अरशाना अज़मत तो सुहैल दिलकश की कव्वाली की महफिल भी सजाई गई। इस दौरान प्रिंस आर्या,जया सिंह, सात्विक मिश्रा,भूमि गुप्ता, सौम्या श्रीवास्तव के सहयोग से कार्यक्रम का सफ़ल समापन हो गया।

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