गाजियाबाद
गाजियाबाद की मसूरी पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए करीब 20 टन प्रतिबंधित खैर प्रजाति की लकड़ी बरामद की। इसकी कीमत लगभग 30 लाख रुपए है। पुलिस ने दो अभियुक्तों को गिरफ्तार भी किया है। घटना के संबंध में थाना मसूरी पर विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है और अग्रिम वैधानिक कार्यवाही की जा रही है। पुलिस ने बताया है कि आरोपियों की पहचान दीपक तिवारी (36), निवासी ग्राम बसई, थाना बसई, जिला दतिया, मध्य प्रदेश और हरी सिंह परिहार (38), निवासी ग्राम बसई, थाना बसई, जिला दतिया, मध्य प्रदेश के रूप में हुई है।
पुलिस ने बताया है कि मसूरी पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली कि कुछ लोग ट्रक में प्रतिबंधित खैर प्रजाति की लकड़ी का परिवहन कर रहे हैं। इसके बाद पुलिस टीम ने ईस्टर्न पेरीफेरल अंडरपास के पास से ट्रक को रोका और जांच की। ट्रक से करीब 20 टन खैर प्रजाति की लकड़ी बरामद हुई, जिसकी कीमत लगभग 30 लाख रुपए है।
पूछताछ में गिरफ्तार अभियुक्तों ने पुलिस को बताया कि वे लकड़ी मध्य प्रदेश से चोरी-छुपे लेकर आ रहे थे और हिमाचल प्रदेश के सागर कत्था फैक्ट्री में पहुंचाने की योजना थी। इनकी योजना में तीसरा आरोपी, देवेन्द्र सिंह सोलंकी भी शामिल था, जो मध्य प्रदेश में एक ट्रांसपोर्ट व्यवसाय चलाता है।
पूछताछ में यह भी सामने आया कि इन लोगों को पूरी जानकारी थी कि यह लकड़ी प्रतिबंधित है और उनके पास जो दस्तावेज थे, वे फर्जी थे। अभियुक्तों ने बताया कि वे पिछले दो सालों से इस काम में शामिल थे और उन्हें यह भी बताया गया था कि इस तरह के अवैध व्यापार से अधिक मुनाफा होगा।
वहीं, देवेन्द्र सोलंकी पूर्व में भी इस प्रकार के व्यापार में शामिल रह चुका है और उसने पहले भी प्रतिबंधित लकड़ी के व्यापार के मामले में जेल की सजा काटी है। मामले को लेकर मसूरी थाना में भारतीय वन संरक्षण अधिनियम और अन्य संबंधित धाराओं के तहत मामला पंजीकृत किया गया है और आरोपियों के खिलाफ वैधानिक कार्यवाही की जा रही है। साथ ही, उनके आपराधिक इतिहास की जानकारी भी जुटाई जा रही है।