Bihar & Jharkhand, State

छेड़ोगे तो छोड़ेंगे नहीं! बिहार में पंडित बागेश्वर धाम सरकार का नेता अवतार

गोपालगंज
 बिहार में बागेश्वर धाम सरकार धीरेंद्र शास्त्री का नेता अवतार दिखा। राज्य में इस साल विधानसभा चुनाव होने वाले है। इस चुनाव को लेकर सभी दलों ने जोर आजमाइश शुरू कर दी है। इसी कड़ी में बिहार में एक साथ आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत, बागेश्वर सरकार धीरेंद्र शास्त्री और आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक श्रीश्री रविशंकर दौरा कर रहे हैं। गोपालगंज में भी बागेश्वर सरकार धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का 5 दिवसीय हनुमंत कथा चल रहा है। जिले के भोरे प्रखंड के रामनगर स्थित श्रीराम जानकी मठ इन दिनों आस्था का केंद्र बना हुआ है। यहां भारी संख्या में श्रद्धालु धीरेंद्र शास्त्री की कथा सुनने के लिए पहुंचे हुए है।

बिहार में बागेश्वर धाम सरकार

भोरे प्रखंड के रामनगर स्थित श्रीराम जानकी मठ में धीरेंद्र शास्त्री ने कथा से पहले हिन्दुओं की अस्तित्व और उनकी सुरक्षा को लेकर खूब बयान दिया। गुरुवार की देर शाम कथा वाचक धीरेंद्र शास्त्री ने कहा वे यहां अपने लिए थोड़े आए हैं, वे इस देश के हिन्दुओं को जगाने आए हैं। उन्होंने कहा वे अपनी लड़ाई नहीं लड़ रहे हैं बल्कि दुनिया के 150 करोड़ हिन्दुओं की लड़ाई लड़ने आए हैं।
नेता अवतार में दिखे धीरेंद्र शास्त्री

उन्होंने कथा के दौरान कहा वे किसी पार्टी के लिए थोड़े आते हैं। वे किसी के लिए वोट मांगने थोड़े आते हैं। वे तो सिर्फ हिन्दुओं के अलख को जगाने आते हैं। बागेश्वर धाम सरकार ने साफ-साफ कहा कि छेड़ोगे तो छोड़ेंगे नहीं। उनके खिलाफ बयान देने वालों के लिए धीरेंद्र शास्त्री ने सेम टू यू भी कहा।
गोपालगंज के भोरे में बाबा का दरबार

धीरेंद्र शास्त्री का गोपालगंज के भोरे में अगले 10 मार्च तक कथा का कार्यक्रम है। यहां भारी भीड़ को देखते हुए सिर्फ एक दिन के लिए दिव्य दरबार का आयोजन किया गया है। जिला प्रशासन की ओर से बताया गया है कि 8 मार्च को कथा शुरू होने से पहले उनका दिव्य दरबार सजेगा। ये कार्यक्रम सिर्फ एक दिन के लिए रखा गया है।

प्रशासन की ओर से चौकस इंतजाम

भोरे में भारी भीड़ के आने और वाहनों को खड़ी करने के लिए भी जगह-जगह पार्किंग स्टैंड बनाए गए है। वीआईपी एंट्री के साथ साथ एम्बुलेंस और दमकल की गाड़ियों के आगमन के लिए अलग-अलग रूट बनाए गए हैं। अग्निशमन की फुलप्रूफ व्यवस्था की गई है। इसके साथ ही हथुआ अनुमंडलीय अस्पताल और भोरे रेफरल अस्पताल को भी किसी इमरजेंसी जैसे हालत के लिए स्टैंडबाय में रखा गया है।

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