नई दिल्ली
आम आदमी पार्टी के दिल्ली प्रमुख सौरभ भारद्वाज ने दिल्ली में पानी की कमी को लेकर बीजेपी सरकार पर कड़ा हमला किया. उन्होंने कहा कि इस गर्मी में दिल्लीवासियों को पानी के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है, और भाजपा की ‘चार इंजन’ वाली सरकार इस समस्या का समाधान करने में पूरी तरह असफल रही है. भारद्वाज ने यह भी पूछा कि सरकार ने समर एक्शन प्लान के तहत कितने नए ट्यूबवेल स्थापित किए हैं, जिसका उत्तर अभी तक जनता को नहीं मिला है.
सौरभ भारद्वाज ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में भाजपा पर कटाक्ष करते हुए कहा कि पार्टी यह दावा करती है कि उनके पास केंद्र, दिल्ली, MCD और उपराज्यपाल के चार इंजन हैं, लेकिन इन इंजनों ने दिल्ली को पानी की एक बूंद भी नहीं दी है. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि गर्मियों की शुरुआत से पहले ट्यूबवेल लगाने और जल प्रबंधन में सुधार के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं. लोगों को पानी के टैंकरों के लिए लंबी कतारों में खड़ा होना पड़ रहा है, और कई स्थानों पर टैंकरों की कमी ने स्थिति को और अधिक गंभीर बना दिया है.
उन्होंने कहा कि नए क्षेत्रों में पानी पहुंचाना तो एक दूर की बात है, बल्कि जिन क्षेत्रों में पहले से ही पर्याप्त जल आपूर्ति होती थी, वहां भी अब पानी की कमी हो रही है. उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि जब भाजपा और एलजी आम आदमी पार्टी की सरकार पर पानी के कुप्रबंधन का आरोप लगाते थे, तो अब वे खुद पानी के प्रबंधन में असफल क्यों हो रहे हैं?
भारद्वाज ने यह आरोप लगाया कि दिल्ली को यमुना और गंगा नदियों से पानी की पर्याप्त आपूर्ति मिल रही है, फिर भी जल वितरण में गंभीर अव्यवस्था बनी हुई है. उन्होंने कहा कि यह संकट प्राकृतिक नहीं, बल्कि भाजपा सरकार की लापरवाही का परिणाम है. आम आदमी पार्टी के नेता ने सरकार से मांग की कि वह इस मुद्दे पर तुरंत जवाब दे और पानी की कमी को दूर करने के लिए ठोस कदम उठाए.
सौरभ भारद्वाज ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि दिल्ली में भाजपा की सरकार को चार महीने होने वाले हैं, और यह समय किसी भी नई सरकार के लिए अपने राज्य में सुधार लाने के लिए पर्याप्त होता है. हालांकि, जून के महीने में दिल्ली के विभिन्न क्षेत्रों में पानी की गंभीर कमी देखी जा रही है, जिससे लोग मजबूर होकर मदद की गुहार लगा रहे हैं. दिल्ली में इस तरह की भयंकर जल संकट पहले कभी नहीं देखी गई.
सौरभ भारद्वाज ने बताया कि दक्षिणी दिल्ली के अंबेडकर नगर विधानसभा में पानी की गंभीर कमी है. देवली विधानसभा के निवासी जल बोर्ड के कार्यालय के बाहर धरना दे रहे हैं, जहां एक सप्ताह पहले लोगों ने मटके भी फोड़े थे. बदरपुर विधानसभा के लोग रातभर पानी के लिए जागते हैं और ट्यूबवेल से पानी भरने के लिए दो-दो घंटे लाइन में खड़े रहते हैं. तुगलकाबाद विधानसभा में भी जल संकट है, जहां पहले 40-46 टैंकर आते थे, अब उनकी संख्या आधी कर दी गई है. छतरपुर और मेहरौली में भी पानी की कमी की समस्या बनी हुई है.
दिल्ली के विभिन्न क्षेत्रों में पानी की गंभीर समस्या उत्पन्न हो गई है. बिजवासन और पालम में स्थिति अत्यंत खराब है, जबकि नॉर्थ दिल्ली के तिमारपुर, मॉडल टाउन, आदर्श नगर और बुराड़ी में भी पानी की कमी महसूस की जा रही है. पश्चिमी दिल्ली के हरिनगर, रजौरी गार्डन और जनकपुरी में भी जल संकट बना हुआ है. ग्रेटर कैलाश के कई इलाकों में, जहां पहले पानी की कोई कमी नहीं थी, अब वहां भी जल आपूर्ति ठप हो गई है. पहले जो स्थिति सुधर गई थी, वह अब फिर से बिगड़ चुकी है, और टैंकरों की व्यवस्था भी प्रभावी नहीं रह गई है.
सौरभ भारद्वाज ने बताया कि दिल्ली में अभी भी 100 एमजीडी पानी की कमी है, जबकि केंद्र और दिल्ली दोनों जगह भाजपा की सरकार है. चार इंजन की सरकार होने के बावजूद भाजपा हरियाणा और केंद्र से पानी की आपूर्ति नहीं कर पा रही है. पहले भाजपा और दिल्ली के उपराज्यपाल का कहना था कि पानी की कमी नहीं है, केवल प्रबंधन में समस्या है. अब यह सवाल उठता है कि वे प्रबंधन क्यों नहीं कर पा रहे हैं? उपराज्यपाल को अपनी ही सरकार को पानी के प्रबंधन के बारे में समझाना चाहिए. वर्तमान में दिल्ली में पानी की स्थिति गंभीर है, लोग जगह-जगह मटके फोड़कर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन सरकार इस मुद्दे पर अनजान बनी हुई है.
मॉडल टाउन में भी पानी की भारी कमी
पूर्व विधायक अखिलेश पति त्रिपाठी ने बताया कि विधानसभा मॉडल टाउन में पानी की गंभीर कमी है. हाल ही में, स्थानीय लोगों ने मटके फोड़कर अपना विरोध जताया. खिलौना बाग, लाल बाग, राजपुरा गांव और गुरु नानक गली ओल्ड कॉलोनी में पानी की स्थिति अत्यंत खराब है. राणा प्रताप बाग बी ब्लॉक में गंदा पानी आ रहा है, जबकि रूपनगर में भी नागरिकों ने शिकायतें की हैं. दिल्ली के लोग अब यह समझने लगे हैं कि अरविंद केजरीवाल की सरकार ने वेस्ट मैनेजमेंट में सुधार किया था, जबकि भाजपा की सरकार न तो पानी उपलब्ध करा पा रही है, न बिजली, और न ही स्कूलों की फीस में वृद्धि को रोकने में सफल हो रही है. इस चार इंजन वाली सरकार ने हर मोर्चे पर असफलता का सामना किया है.