लखनऊ डेस्क/ उत्तर प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री और अमेठी सीट से सपा प्रत्याशी गायत्री प्रजापति को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिली है| गिरफ्तारी पर रोक की मांग वाली अर्जी पर सोमवार को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि वो अपना पक्ष ट्रायल कोर्ट में जाकर रखे | वहीं इस मामले में 22 मार्च को अगली सुनवाई होगी | वैसे गायत्री खुद तो फरार हैं, लेकिन उनके वकील सामने आए हैं और गायत्री के खिलाफ लगे आरोपों को साजिश बता रहे हैं| अखिलेश सरकार में कैबिनेट मंत्री व अमेठी से विधानसभा से सपा प्रत्याशी गायत्री प्रसाद प्रजापति गैंगरेप और यौनशोषण के मुकदमे में फरार चल रहे | यूपी पुलिस ने भगोड़ा घोषित कर दिया है। डीजीपी जावीद अहमद ने कहा कि गायत्री लगातार फरार है। लिहाजा पुलिस ने उन्हें भगोड़ा मान लिया है।
वहीं गायत्री की सम्पत्ति कुर्क करने की कवायद भी पुलिस ने शुरू कर चुकी है । शनिवार को ही कोर्ट ने गायत्री प्रजापति का गैर जमानती वारंट (एनबीडब्ल्यू) जारी किया था। पुलिस एक-दो दिन में गायत्री की सम्पत्ति कुर्क करने की अनुमति लेने के लिए कोर्ट में अर्जी दाखिल कर देगी। कोर्ट से अनुमति मिलने के बाद पुलिस गायत्री प्रजापति को नोटिस भेजेगी कि अगर वह समर्पण नहीं करते हैं तो उनकी सम्पत्ति कुर्क कर दी जाएगी। इसके लिए नियमानुसार एक महीने का समय दिया जाता है। एसएसपी ने बताया कि गायत्री की तलाश में पुलिस ने बिठुर व जालौन में कई जगह छापेमारी की थी लेकिन गायत्री व उसके छह साथी अशोक तिवारी, पिंटू सिंह, रुपेश, आशीष शुक्ला, चन्द्रेश और विकास वर्मा का कुछ पता नहीं चला। इन सबकी सम्पत्ति का ब्योरा जुटाया जा रहा है। गायत्री व उसके साथियों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर गौतमपल्ली थाने में चित्रकूट की महिला की तहरीर पर गैंगरेप व यौनशोषण का मुकदमा दर्ज किया गया था।
दो दिन पहले गायत्री प्रजापति का पता लगाने में जुटी एसटीएफ ने ही शनिवार को एक आरोपी की लोकेशन पता की थी। पर, वहां पहुंचने से पहले ही यह आरोपी दूसरे शहर निकल गया। अब उसने मोबाइल नम्बर भी बदल लिया है। यह आरोपी गायत्री प्रजापति का बेहद करीबी है। इसके हाथ लगते ही गायत्री के सभी ठिकानों का पूरा ब्योरा मिल जाएगा। यही वजह है कि एसटीएफ ने सबसे अधिक मशक्कत इसी को ढूंढ़ने में कर रही है।