नई दिल्ली डेस्क/ बाबरी विध्वंस मामले में बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी समेत 13 नेताओं पर फिर से आपराधिक साजिश का मामला चल सकता है | सुप्रीम कोर्ट ने ये संकेत देते हुए कहा कि महज टेक्नीकल ग्राउंड पर इन्हें राहत नहीं दी जा सकती| इस मामले में मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती, पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह और बीजेपी और विहिप के नेता शामिल हैं | कोर्ट ने सीबीआई को कहा कि इस मामले में सभी 13 आरोपियों के खिलाफ आपराधिक साजिश की पूरक चार्जशीट दाखिल करें| सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बाबरी विध्वंस मामले में दो अलग-अलग अदालतों में चल रही सुनवाई एक जगह ही क्यों न हो?
कोर्ट ने कहा है कि सिर्फ तकनीकी आधार पर किसी को राहत नहीं दी जा सकती है। इसके साथ ही कोर्ट ने यह भी पूछा है कि मामले की सुनवाई दो अलग-अलग अदालतों में चलाने के बजाए एक ही जगह क्यों न की जाए। कोर्ट ने कहा कि रायबरेली में चल रही सुनवाई को लखनऊ ट्रांसफर क्यों न कर दिया जाए क्योंकि इससे जुड़ा का एक मामला पहले ही वहां पर चल रहा है। आपको बता दें कि बाबरी मस्जिद ढहाए जाने के बाद यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती और बीजेपी- विहिप के कई नेताओं पर से दर्ज आपराधिक साजिश रचने के मामला हटा लिया गया था।
इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की गई है| जिसकी सुनवाई चल रही है। याचिका में इलाहाबाद हाईकोर्ट के 20 मई 2010 के आदेश को खारिज करने की मांग की गई है। हाईकोर्ट ने विशेष अदालत के फैसले की पुष्टि करते हुए आईपीसी की धारा 120बी (आपराधिक साजिश) हटा दिया था। पिछले साल सितंबर में सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि उसकी नीति निर्धारण प्रक्रिया किसी से भी प्रभावित नहीं होती और वरिष्ठ भाजपा नेताओं पर से आपराधिक साजिश रचने के आरोप हटाने की कार्रवाई उसके कहने पर नहीं हुई है।