श्रीनगर
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को पर्यटकों पर हुए आतंकवादी हमले के बाद देश की राजनीति एक बार फिर गरमा गई है। एक ओर जहां विपक्ष सरकार से जवाब मांग रहा है, वहीं सत्ताधारी पक्ष आतंकवाद के खिलाफ सख्त कदमों की बात कर रहा है। इसी बीच, जेकेएनसी नेता और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने कहा, "हम बीते 35 साल से आतंकवाद झेल रहे हैं, अब इसे खत्म करना ही होगा। बहुत हो गया, आखिर कब तक छाती पीटते रहेंगे?"
उन्होंने कहा कि आतंकवाद को खत्म करने के लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत है और सरकार को जल्द निर्णय लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि आतंकवाद से कैसे निपटा जाए, यह प्रधानमंत्री अच्छी तरह से जानते हैं। महबूबा मुफ्ती के एक बयान पर जब फारूक अब्दुल्ला से जवाब मांगा गया, तो उन्होंने कहा, "मैं इस पर कोई टिप्पणी नहीं करूंगा, क्योंकि उनका निशाना प्रधानमंत्री पर होता है। मैं ऐसी कोई बात नहीं करूंगा। आज पूरा देश प्रधानमंत्री के साथ खड़ा है और उम्मीद है कि वह ऐसा कदम उठाएंगे जिससे आतंकवाद का अंत हो सके।"
पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस सांसद चरणजीत सिंह चन्नी के बयान पर फारूक अब्दुल्ला ने कहा, "उनसे कहिए कि थोड़ा इंतजार करें, सब्र रखने में ही सब कुछ होगा। इससे ही सब कुछ ठीक होगा।" दरअसल, चरणजीत सिंह चन्नी ने शुक्रवार को 2016 में हुए सर्जिकल स्ट्राइक पर सवाल उठाते हुए फिर से सबूत मांगा था। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में "कहां हुआ था सर्जिकल स्ट्राइक?" उनके इस बयान पर राजनीति तेज हो गई।
हालांकि, चरणजीत सिंह चन्नी ने अपने बयान पर सफाई देते हुए कहा कि आतंकवाद से निपटने के लिए कांग्रेस पार्टी सरकार के साथ खड़ी है। उन्होंने कहा कि जो लोग मारे गए हैं, उनके परिवार को इंसाफ चाहिए। बता दें कि पहलगाम की बैसरन घाटी में हुए आतंकवादी हमले में 26 लोगों की मौत हो गई थी। इस घटना से पूरा देश आक्रोशित है और सरकार से सख्त कदम उठाने की मांग कर रहा है।