भुज
भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को भुज एयर फोर्स स्टेशन का दौरा किया और यहां वायु योद्धाओं को ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के लिए बधाई दी. यहां अपने संबोधन में पाकिस्तान की चुटकी लेते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि जितनी देर में लोग नाश्ता करते हैं, उतनी देर में आपने दुश्मनों को निपटा दिया. उन्होंने कहा, 'ऑपरेशन सिंदूर के दौरान आपने जो कुछ भी किया, उससे सभी भारतीयों को गर्व हुआ है, चाहे वे भारत में हों या विदेश में. पाकिस्तान में पल रहे आतंकवाद को कुचलने के लिए भारतीय वायुसेना के लिए सिर्फ 23 मिनट ही काफी थे. जितनी देर में लोग नाश्ता करते हैं, उतनी देर में आपने दुश्मनों को निपटा दिया.'
भुज एयर बेस पर बोलते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, 'कल ही मैंने श्रीनगर में हमारे बहादुर सेना के जवानों से मुलाकात की थी. आज मैं यहां वायु योद्धाओं से मिल रहा हूं. कल मैंने उत्तरी क्षेत्र में हमारे जवानों से मुलाकात की थी और आज मैं देश के पश्चिमी हिस्से में वायु योद्धाओं और अन्य सुरक्षा कर्मियों से मिल रहा हूं. मैं दोनों मोर्चों पर उच्च जोश और ऊर्जा को देखकर उत्साह महसूस करता हूं. मुझे विश्वास है कि आप भारत की सीमाओं को सुरक्षित रखेंगे.' इस दौरान रक्षा मंत्री ने बशीर बद्र की एक शेर के जरिए पाकिस्तान को नसीहत भी दी. उन्होंने कहा, 'कागज का है लिबास चरागों का शहर है, संभल-संभल के चलना क्योंकि तुम नशे में हो.'
IAF ने आसमान की नई बुलंदियों को छू लिया है: राजनाथ सिंह
राजनाथ सिंह ने कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में भारतीय वायुसेना ने जो प्रभावी भूमिका निभाई है, उसकी सराहना इस देश में ही नहीं दूसरे देशों में भी हो रही है. आपने इस ऑपरेशन में न केवल दुश्मन को डॉमिनेट किया है बल्कि उन्हें डेसीमेट करने में भी कामयाबी हासिल की है. आतंकवाद के खिलाफ चलाये गए इस अभियान को सुपरहेड हमारी एयरफोर्स ने किया. हमारी एयरफोर्स एक ऐसी ‘स्काइफोर्स’ है, जिसने अपने शौर्य, पराक्रम और प्रताप से आसमान की नई और बुलंद ऊंचाइयों को छू लिया है. यह कोई छोटी बात नहीं है कि हमारी एयरफोर्स की पहुंच पाकिस्तान के हर कोने तक है, यह बात पूरी तरह साबित हो चुकी है.
ब्रह्मोस ने दुश्मन को रात के अंधेरे में दिन का उजाला दिखाया है
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि आज स्थिति यह है कि भारत के फाइटर प्लेन बिना सरहद पार किए ही, यहीं से उनके हर कोने तक प्रहार करने में सक्षम हैं. पूरी दुनिया ने देख लिया है कि कैसे आपने पाकिस्तान की धरती पर मौजूद, आतंकवाद के नौ ठिकानों को ध्वस्त कर दिया; बाद में की गई कारवाई में उनके अनेक एयरबेस तबाह कर दिए. रक्षा मंत्री ने कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान इंडियन एयरफोर्स ने केवल पराक्रम ही नहीं दिखाया है, बल्कि पूरी दुनिया के सामने प्रमाण भी दिया है. प्रमाण इस बात का कि अब भारत की युद्ध नीति और तकनीक दोनों बदल चुकी है. आपने नए भारत का संदेश पूरी दुनिया तक पहुंचाया है. यह संदेश है कि अब भारत केवल विदेशों से आयात किए गए हथियारों और प्लेटफॉर्म्स पर निर्भर नहीं है, बल्कि भारत में बने अस्त्र और शस्त्र भी हमारी सैन्य शक्ति का हिस्सा बन चुके हैं. अब भारत में बने और भारतीय हाथों से बने हथियार भी अचूक और अभेद्य हैं, यह पूरे विश्व ने देख लिया है.
PAK जनता के टैक्स के पैसों को आतंकवादियों पर खर्च कर रहा
राजनाथ सिंह ने कहा कि ‘ब्रह्मोस’ मिसाइल की ताकत को तो पाकिस्तान ने खुद स्वीकार किया है. हमारे देश में एक कहावत काफी पुरानी है और वह है- 'दिन में तारे दिखाना'. मगर भारत में बनी ब्रह्मोस मिसाइल ने दुश्मन को रात के अंधेरे में दिन का उजाला दिखा दिया. उन्होंने कहा कि भारत के जिस एयर डिफेंस सिस्टम की तारीफ हर तरफ हो रही है, उसमें DRDO द्वारा बनाये गए ‘आकाश’ और अन्य राडार सिस्टम की जबरदस्त भूमिका रही है. उन्होंने वायु योद्धाओं को संबोधित करते हुए कहा कि आपने पाकिस्तान में मौजूद टेरर इंफ्रास्ट्रक्चर के खिलाफ प्रभावी कारवाई की, मगर पाकिस्तान फिर से इस कोशिश में लग गया है कि ध्वस्त हुए आतंकी ढांचे को फिर से खड़ा किया जाये. वहां की सरकार, पाकिस्तानी आम नागरिकों से लिया गया टैक्स, ‘जैश ए मुहम्मद’ जैसे आतंकी संगठन के आका मसूद अजहर को करीब चौदह करोड़ रुपए देने में खर्च करेगी. जबकि वह संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित वैश्विक आतंकवादी है.
IMF फंडिंग का इस्तेमाल आतंकी ठिकाने बनाने में कर रहा PAK
राजनाथ सिंह ने आगे कहा, 'लश्कर ए तैयबा और जैश ए मुहम्मद के मुरीदके और बहावलपुर स्थित आतंकी ठिकानों को फिर से खड़ा करने के लिए पाकिस्तान सरकार ने आर्थिक सहायता देने का ऐलान किया है. निश्चित रूप से IMF से आने वाले एक बिलियन डॉलर के बड़े हिस्से को टेरर इंफ्रास्ट्रक्चर को फंड करने में इस्तेमाल होगा. IMF जो एक अंतरराष्ट्रीय संगठन है, क्या यह उसके द्वारा आतंकवाद को अपरोक्ष फंडिंग नहीं माना जाएगा. इसलिए मैं मानता हूं कि आज के समय में पाकिस्तान को किसी भी तरह की आर्थिक सहायता टेरर फंडिंग से कम नहीं है. भारत यही चाहेगा कि IMF पाकिस्तान को अपनी एक बिलियन डॉलर की सहायता पर पुनर्विचार करे और आगे भी किसी तरह की सहायता देने से परहेज करे. भारत नहीं चाहता कि जो फंडिंग हम IMF को करते हैं, वह डायरेक्ट या इनडायरेक्ट किसी भी तरीके से पाकिस्तान या किसी भी देश में आतंकी बुनियादी ढांचा बनाने में इस्तेमाल किया जाए.'