भोपाल
प्रदेश में प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों के चुनाव सरकार ने एक बार फिर टाल दिए। अब समितियों के पुनर्गठन का हवाला देकर चुनाव आगे बढ़ाए गए हैं। दरअसल, सहकारिता मंत्रालय ने प्रत्येक पंचायत स्तर पर एक साख सहकारी समिति गठित करने के लिए कहा है। प्रदेश में परीक्षण करने के बाद लगभग साढ़े छह सौ समितियां बनाने का निर्णय हुआ है। इनमें से अभी मात्र 189 समितियां गठित करने की प्रक्रिया पूरी हुई है। इसे देखते हुए चुनाव टाल दिए गए।
उधर, कांग्रेस ने आरोप लगाया कि सरकार समितियों की कमान किसानों के हाथों में सौंपना ही नहीं चाहती है, इसलिए किसी न किसी बहाने से बार-बार चुनाव टाले जा रहे हैं। प्रदेश की साढ़े चार हजार प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों के चुनाव आखिरी बार 2013 में हुए थे, जिनका कार्यकाल 2018 में समाप्त हुआ।
नियमानुसार छह माह पहले चुनाव प्रक्रिया शुरू हो जानी चाहिए थी, लेकिन विधानसभा चुनाव, किसान कर्ज माफी और अन्य कारणों से चुनाव प्रक्रिया लगातार टलती रही। चुनाव नहीं होने के कारण हाई कोर्ट की जबलपुर व ग्वालियर खंडपीठ में कई याचिकाएं दायर हुईं।