यूपी डेस्क/ विभिन्न विभागों में खाली करीब 11 हजार पदों पर पिछली सरकार में शुरू हुई भर्ती प्रक्रिया पर योगी आदित्यनाथ सरकार ने बृहस्पतिवार को रोक लगा दी। जिन पदों की भर्ती प्रक्रिया रोकी गई है उनमें सहायक लेखाकार एवं लेखा परीक्षक के करीब 2500 और कनिष्ठ सहायक के करीब 5000 और ग्राम विकास अधिकारी के 3500 पद शामिल हैं। राज्य अधीनस्थ सेवा चयन आयोग इन पदों के लिए लिखित परीक्षा ले चुका था। साक्षात्कार की तारीखें भी घोषित कर दी गई थीं। आयोग के सचिव के मुताबिक फिलहाल साक्षात्कार को स्थगित कर दिया गया है।
दरअसल पूर्व की अखिलेश सरकार के कार्यकाल में सभी भर्तियों पर सवाल उठते रहे हैं। कई विभागों की भर्तियों में अनियमितता का आरोप लगाते हुए अभ्यर्थियों ने कोर्ट तक का दरवाजा खटखटाया था। कई भर्तियों में तो सपा सरकार को फजीहत का भी सामना करना पड़ा था। विशेषकर पुलिस भर्ती में धांधली को लेकर सरकार की खूब किरकिरी हुई थी। विधानसभा चुनाव से पहले कई विभागों में खाली पदों पर भर्ती के लिए लिखित परीक्षा हो चुकी थी।
भाजपा ने चुनाव प्रचार अभियान के दौरान सपा के खिलाफ भर्ती प्रक्रिया में धांधली को मुद्दा बनाया था और वादा किया था कि भाजपा की सरकार बनी सभी भर्तियों की समीक्षा कराएंगे। हालांकि नई सरकार भी विभागवार खाली पदों की सूचना तैयार कर रही है, इसलिए माना जा रहा है कि जल्द ही सरकार की भर्ती के लिए नीति सामने आने के बाद ही आगे की कार्यवाही होगी। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की ओर से सहायक अभियोजन अधिकारी (एपीओ) के 372 और एलोपैथी चिकित्साधिकारी के 3,286 पदों के लिए पिछले दिनों शुरू हुए इंटरव्यू पर रोक लगाई गई है।
प्रवक्ता अभियांत्रिकी अभियंत्रण, अग्निमशन अधिकारी, शोध सहायक, मुख्य अग्निशमन अधिकारी, प्रवक्ता माइक्रोबायोलॉजी, प्रवक्ता भौतिकी, प्रवक्ता प्रसूति एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ, प्रवक्ता संगीत, व्यवस्था अधिकारी, उप क्रीड़ाधिकारी, प्रवक्ता ब्लड बैंक, कर्मशाला अनुदेशक, अनुदेशक पाककला, प्रवक्ता शालाक्य, क्रीड़ाधिकारी, प्रवक्ता फिजियोलॉजी, प्रवक्ता इपिमोलॉजिस्ट, प्रवक्ता फार्मोकोलॉजी, कुलसचिव आदि पदों के लिए भी इंटरव्यू होने थे लेकिन इन पर भी रोक लगा दी गई है। गैर शासकीय महाविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती के लिए चल रहे इंटरव्यू पर भी रोक लगाई गई है।