लखनऊ डेस्क/ यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के नमाज की सूर्य नमस्कार से तुलना किए जाने पर सपा नेता आजम खान ने तंज कसा है। आजम ने कहा कि जो उन्होंने (योगी) कहा, अगर मैंने कहा होता तो मुझे अब तक हथकड़ी लग चुकी होती। बता दें, योगी ने बुधवार को लखनऊ में योग महोत्सव के उद्घाटन प्रोग्राम में कहा था कि जिस तरह से मुस्लिम भाई नमाज अदा करते हैं, उससे सूर्य नमस्कार के आसन मिलते हैं। योगी ने कहा था, सूर्य नमस्कार, प्राणायाम की क्रियाएं कहीं ना कहीं नमाज पढ़ने की मुद्रा से मिलती-जुलती हैं। 2014 से पहले योग को सांप्रदायिक माना जाता था। जिनको भोग में विश्वास है, वो योग में कैसे विश्वास कर सकते हैं।
आत्म अनुशासन की सबसे बड़ी चीज योग है। योग करने से मानसिक और शारीरिक रूप से मजबूती मिलती है। योग करने से व्यक्ति बुढ़ापे तक स्वस्थ रहता है। हर जाति, धर्म का व्यक्ति योगिक क्रियाओं को कर सकता है। योग के अभियान से बहुत बड़ी क्रांति आ सकती है। चेतन मन को जागृत करने का काम योग करता है। योग से कल्याण का मार्ग प्रशस्त होता है। बाबा रामदेव ने योग को घर-घर पहुंचाने का काम किया है। पीएम ने योग को पहचान दिलाने का काम किया है। अब हम सबको तय करना होगा कि सांप्रदायिक कौन है।
इससे पहले मंगलवार को ही आजम खान ने बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी के सरयू नदी पर बाबरी मस्जिद बनाने के प्रस्ताव पर कहा था, बाबरी मस्जिद जहां थी, वहीं बननी चाहिए। 22/23 दिसंबर 1949 की रात को जहां बाबरी मस्जिद थी, वहीं बाबरी मस्जिद है। बाकी कहीं नहीं है। अगर कोई मस्जिद बनती है तो जरूरी थोड़ी है कि वो बाबरी मस्जिद हो। हम हर वक्त कुर्बानियां देने के लिए तैयार हैं। मुजफ्फरनगर, दादरी, गुजरात में कुर्बानी दी और आगे भी तैयार हैं।
पशुओं का वध बंद होना चाहिए। केरल, त्रिपुरा, मेघालय, गोवा, बंगाल जैसे राज्यों में भी वध नहीं होना चाहिए। पूरे प्रदेश में एक कानून हो, अगर देश एक है तो कानून भी एक होना चाहिए। अगर कोई जानवर गली बाजार में कटे तो अवैध हो गया और वही जानवर किसी लाइसेंस वाली जगह कटे तो वैध हो गया। ये बात समझ में नहीं आ रही है।असल में पशु हत्या रुकनी चाहिए और बड़ी बात होगी कि हत्या ही रुक जाए। न पशु-न इंसान, किसी की हत्या नहीं होनी चाहिए।