मैनपुरी डेस्क/ मैनपुरी पहुंचे शिवपाल यादव ने कहा, अखिलेश ने बात मान ली होती तो वे फेल न होते। अब अखिलेश को सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे देना चाहिए और मुलायम सिंह को अध्यक्ष बनाना चाहिए। अब वो बैठकर बात करें और पूरा घर व पार्टी एक करें। शिवपाल ने आगे कहा, अखिलेश ने जो कहा है, उसे पूरा करें। नैतिकता भी दिखाएं। उन्होंने चुनाव से पहले जो कहा, अब 3 महीने हो चुके हैं। नेताजी को राष्ट्रीय अध्यक्ष बना दें। पूरा घर एक हो जाए। इस बीच शिवपाल यादव के बीजेपी में शामिल होने की अटकलें उस समय तेज हो गईं, जब ये बात सामने आई कि शिवपाल ने यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ से पर्सनली मुलाकात की है।
कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में ये भी दावा किया गया कि शिवपाल दिल्ली जाकर अमित शाह से मिले हैं और वह अपने करीबी बीजेपी नेताओं के भी संपर्क में हैं। कहा ये भी गया कि शिवपाल नई पार्टी बनाने का भी एलान कर सकते हैं, लेकिन वह मुलायम के मौजूदा रवैया को देखते हुए निर्णय नहीं ले पा रहे हैं। इससे पहले 16 अप्रैल को मुलायम सिंह ने भी मैनपुरी में बेटे अखिलेश यादव के उस प्रपोजल को ठुकरा दिया था, जिसमें उन्होंने बीजेपी को रोकने के लिए किसी भी पार्टी से अलायंस की बात कही थी।
मुलायम ने कहा- महागठबंधन की कोई जरूरत नहीं है। समाजवादी अकेले ही सक्षम है। बता दें, मुलायम ने यूपी असेंबली इलेक्शन के दौरान भी कांग्रेस से गठबंधन का विरोध किया था। मुलायम ने सार्वजनिक तौर पर इस गठबंधन के खिलाफ नाराजगी जाहिर की थी। हालांकि, मुलायम की नाराजगी के बावजूद अलायंस जारी रहा और असेंबली इलेक्शन में सपा-कांग्रेस अलायंस को हार मिली। विधानसभा चुनाव में हार के बाद अब बीजेपी विरोधी पार्टियां 2019 के लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुट गई हैं। पहले अलायंस से इनकार करने वाली मायावती का रुख भी अब नर्म नजर आ रहा है। महागठबंधन की चर्चा तब और तेज हो गई, जब पिछले दिनों अखिलेश ने ममता बनर्जी से दिल्ली में मुलाकात की थी।