यूपी डेस्क/ उत्तर प्रदेश के 90 से अधिक ‘बाहुबलियों’ को उनके गृह जनपदों से दूर की जेलों में ट्रांसफर कर दिया गया | मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार के लोकल क्राइम नेटवर्क को ध्वस्त करने के प्रयास के तहत यह कदम उठाया गया है | दूसरे जेल में ट्रांसफर किए गए बाहुबलियों में मुख्तार अंसारी, मुन्ना बजरंगी, अतीक अहमद, शेखर तिवारी, मौलाना अनवारूल हक, मुकीम उर्फ काला, उदयभान सिंह उर्फ डाक्टर, टीटू उर्फ किरनपाल, राकी उर्फ काकी और आलम सिंह शामिल हैं |
अपर पुलिस महानिदेशक (कारागार) जी एल मीणा ने कहा, डॉन सलाखों के पीछे हैं| हालांकि उनके गिरोह के लोग हत्या, अपहरण, डकैती और रंगदारी आसानी से अंजाम देते हैं और आतंक फैलाते हैं|’ मीणा ने बताया कि विभिन्न मानसिक अस्पतालों में दाखिल 18 जेल अंत:वासियों की पहचान की जा चुकी है| उनके खिलाफ गिरफ्तारी का वारंट देने की प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है| उन्होंने कहा, मैंने उन अस्पतालों के चिकित्सा अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी है, जहां विचाराधीन कैदी भर्ती हैं| अधिकांश कुख्यात अपराधी हैं| पकड़े जाने के डर से अब डॉक्टरों ने ऐसे विचाराधीन कैदियों को अस्पताल से छुट्टी देना शुरू कर दिया है|
जेल प्रशासन को सूचना मिली है कि गिरोह के सदस्य जेल में मिलने आते हैं और वहीं से आपराधिक वारदात की योजना बनती है| औचक छापे के दौरान अपराधियों की बैरकों से मोबाइल फोन और सिम कार्ड बरामद किये गये हैं| व्यवसायी, ठेकेदार और सरकारी अधिकारियों के साथ-साथ बात नहीं मानने वालों को जेल से किसी बाहुबली का फोन ही धमकाने के लिए काफी होता है| मीणा ने कहा कि अंत: वासियों को एक जेल से दूसरी जेल स्थानांतरित करने की वजह उनका नेटवर्क तोडना है जहां वह लंबे समय से उस क्षेत्र की जेल में हैं|
मुख्यमंत्री ने 30 मार्च को कानून व्यवस्था की समीक्षा करते हुए पुलिस एवं कारागार अधिकारियों को कार्रवाई के लिए कहा| मुख्तार अंसारी को लखनउ से बांदा जेल भेजा गया| अतीक अहमद को नैनी से देवरिया भेजा गया| मुन्ना बजरंगी को झांसी से पीलीभीत और शेखर तिवारी को बाराबंकी से महाराजगंज जेल भेजा गया | स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) और आतंकवाद रोधी स्क्वॉड (एटीएस) ने जेल में बंद माफिया डॉन की गतिविधियों की निगरानी करने के बाद इसकी सूचना जेल प्रशासन को दी |