उत्तर प्रदेश डेस्क/ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शऩिवार को लखनऊ में झाड़ू लगाकर स्वच्छता का संदेश दिया | सीएम ने लखनऊ के बालू अड्डा मलिन बस्ती में झाड़ू लगायी| इस मौके पर उनके साथ कई मंत्री भी मौजूद थे| योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के स्वच्छता अभियान को प्रमोट करते हुए लखनऊ शहर के बालू अड्डे मोहल्ले में झाडू लगायी| राज्य के नगर विकास मंत्री सुरेश खन्ना के साथ गोमती तट पर बसे बालू अड्डे इलाके में पूरे लाव लश्कर के साथ पहुंचकर योगी ने खुद झाडू लगायी और लोगों से साफ सफाई रखने की अपील की| योगी के पहुंचते ही आसपास के घरों के बच्चों और महिलाओं ने जिज्ञासावश उन्हें देखा|
मुख्यमंत्री ने झाडू़ लगाकर प्रदेश में स्वच्छता अभियान की शुरुआत करने के बाद नगर निगम के अफसरों से पूछा कि आखिर लखनऊ शहर इतना गंदा क्यों है? उन्होंने निर्देश देते हुए कहा कि बरसात से पहले नालियों की सारी सिल्ट (जमी हुई गंदगी) निकाली जाए| अगर ऐसा नहीं होगा तो गंदा पानी उफान के साथ सड़कों पर बहेगा| हर वार्ड में सफाई अभियान चलाया जाए| लोगों से कहा जाए कि वे गंदगी को सड़कों पर ना फेंकें|
मुख्यमंत्री ने सफाई के मामले में उत्तर प्रदेश की खराब रैंकिंग पर चिंता जाहिर की है| देश के 100 साफ शहरों में उत्तर प्रदेश का केवल वाराणसी ही शामिल है और 15 सबसे गंदे नगरों में से नौ नगर उत्तर प्रदेश के हैं| योगी ने शुक्रवार को कहा था कि हालांकि वह सर्वेक्षण उनकी सरकार के सत्ता में आने से पहले हुआ था, लेकिन उनकी सरकार ने आगामी दिसम्बर तक 30 जिलों में और अक्तूबर 2018 तक पूरे प्रदेश में खुले में शौच पर पूर्णत: पाबंदी लगाने की दिशा में काम कर रही है| मुख्यमंत्री ने कहा है कि जिन मंत्रियों को जिलों का प्रभारी बनाया गया है, उनका दायित्व होगा कि वे संबंधित जिले में भ्रमण के दौरान वहां की मलिन बस्तियों का अनिवार्य रूप से निरीक्षण करते हुए उनकी साफ-सफाई की व्यवस्था पर विशेष ध्यान दें |
मालूम हो कि हाल में घोषित ‘स्वच्छ भारत सर्वेक्षण’ के नतीजों में उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले को सबसे गंदा माना गया है| देश के 100 साफ शहरों की सूची में उत्तर प्रदेश से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी को ही शामिल किया गया है. उसे 32वां स्थान मिला है |