लखनऊ डेस्क/ बसपा के खिलाफ बगावत करके पार्टी छोड़ने वाले नसीमुद्दीन सिद्दीकी नई पार्टी के गठन पर जोरों से लगे हुए हैं। अपने नए मोर्चे के गठन के लिए उन्होंने बुलाई बैठक में कहा, हम सभी को दलितों, मुस्लिमों और गरीबों के लिए काम करने के लिए एक होना पड़ेगा। मायावती ने कंपनी बना रखी है, वसूली के लिए। सतीश चंद्र मिश्रा के दबाव में मीडिया को भी आने से रोकती है कैंट सुरक्षा।
नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने नई पार्टी के गठन के लिए सभी सहयोगी नेता और संगठन के कार्यकर्ता बसपा छोड़कर साथ आने को तैयार हैं। नसीमुद्दीन के आवास पर हुई एक बैठक में सभी बसपा छोड़कर आए नेताओं ने कहा, ‘हमने नए मोर्चे के गठन के लिए नसीमुद्दीन सिद्दीकी को अधिकृत कर दिया है। हम सभी उनके साथ हैं, हर स्तर पर साथ दिया था और आगे भी दलितों के नाम पर कंपनी चलाने वालों के खिलाफ लड़ते रहेंगे। हमारे साथ पूरी बसपा के संगठन के लोग आने को तैयार बैठे हैं। अभी 15 पूर्व सांसद, 40 पूर्व विधायक, 30 जिलाध्यक्ष, करीब 11 मंडल अध्यक्ष और 7 वर्तमान विधायक आने के लिए समय मांग रहे हैं।’ सिद्दीकी ने कहा, वर्तमान विधायकों का जिक्र वक्त आने पर करूंगा। नसीमुद्दीन ने नई पार्टी के गठन पर कहा, हम अभीस भी को एक साथ आने के लिए र्मोचे लोगों से उनकी राय ले रहे हैं, दलितों, गरीबों के नाम पर दुकान चलाने वालों को उनकी हैसियत जरूर बताएंगे।
नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने बुधवार को मीडिया से बात करने के लिए प्रेस कांफ्रेंस का आयोजन किया था। शाम पांच बजे जब मीडिया व अन्य सहयोगी नेता उनके कैंट स्थित आवास पर जाने लगे तो कैंट सुरक्षा कर्मियों ने जानें से रोक दिया। कहा गया कि हमारे सीओ के आदेश हैं कि आज प्रेस कांफ्रेंस के दिन कोई भी सहयोगी नेता या मीडियाकर्मी उनके घर पर नहीं जाएगा। सैनिक ने कहा कि ‘सीओ के निर्देश हैं कि नसीमुद्दीन सिद्दीकी के परिवार के सिवाय किसी अन्य को उनके आवास में एंट्री नहीं दी जाए। इस मामले में सिद्दीकी के सहयोगी प्रदीप सिंह ने कहा, ‘सतीश चंद्र मिश्रा ने अपनी पहुंच का इस्तेमाल करके हमे डराने में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते हैं। यहां तक की उनकी छोटी मानसिकता का ही नतीजा है कि उन्हें लगता है कि कैंट में मीडिया को हमसे मिलने से रोक देंगे, तो हमारी बात नहीं पहुंचेगी।